भक्ति का फल होता है मन की शांति, इंद्रियों की पवित्रता
निष्पक्ष जन अवलोकन
निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रशांत जैन। बिल्सी(बदायूँ)। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी में स्थित आर्य मंदिर पर साप्ताहिक सत्संग आयोजित किया गया। सामवेद के मंत्रों से यज्ञ किया गया। यज्ञ के बाद आचार्य संजीव रूप ने कहा कि भगवान की भक्ति का फल धन, दौलत, जमीन जायदाद या दूसरी भौतिक चीज नहीं होती। भगवान की भक्ति का फल मन की शांति होता है, इंद्रियों की पवित्रता होती है। भगवान की भक्ति करने से आत्मा का बल बढ़ता है, आचरण पवित्र होता है। काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से व्यक्ति दूर होता चला जाता है अर्थात भक्ति करने वाले की आत्मा पवित्र हो जाती है यही भक्ति का फल है। मोना आर्य, कौशिकी, रानी ने सुंदर भजन गाए। इस मौके पर मास्टर साहब सिंह, विचित्रपाल सिंह, मिथिलेश, राकेश आर्य, पंजाब सिंह, कमलेश रानी, गुड्डू देवी आदि मौजूद रहे।