पूर्वांचल का सबसे बड़ा लिट फेस्ट ‘गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल’ नंवबर में, गाज़ीपुर में जुटेंगी देश-विदेश की 200 से अधिक जानी-मानी हस्तियां

निष्पक्ष जन अवलोकन
प्रमोद सिन्हा
ग़ाज़ीपुर भारत डॉयलॉग्स की ओर से नवंबर में ‘गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल’ का आयोजन किया जाएगा जो पूर्वांचल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा साहित्य एवं कला महोत्सव होगा। यह महोत्सव 7 से 9 नवम्बर 2025 तक आयोजित होगा, जिसका एक भव्य कर्टेन-रेज़र कार्यक्रम 7 नवंबर को वाराणसी में और मुख्य आयोजन 8-9 नवंबर को ग़ाज़ीपुर में किया जाएगा। गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल में देश-विदेश के 200 से ज्यादा प्रतिष्ठित साहित्यकार, कलाकार, अभिनेता, संगीतकार, राजनेता, राजनयिक, भाषाविद, इतिहासकार एवं सिनेमा जगत तथा लोककला से जुड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी जिसमें दक्षिण अफ्रीका के भारत में उच्चायुक्त प्रोफेसर अनिल सुकलाल एवं दक्षिण अफ्रीका के ही ‘पोएट लारिएट’ डॉ. ज़ोलानी मकीवा शामिल हैं। इसकी घोषणा भारत डॉयलॉग्स के सह-संस्थापकों विवेक सत्य मित्रम् एवं पूजा प्रियंवदा ने गाज़ीपुर शहर के द ग्रैंड होटल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में की। इस दौरान गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल की आधिकारिक वेबसाइट (www.GhazipurLiteratureFestival.com) भी लांच की गई जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार कुमार शैलेन्द्र, वरिष्ठ कवि हरिनारायण ‘हरीश’, साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी, डॉ. श्रीकांत पाण्डेय (पी.जी. कॉलेज), डॉ. राजेन्द्र सिंह राजपूत (प्राचार्य, राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज), प्रो. अमरनाथ राय (गांधी शती स्मारक पी.जी. कॉलेज) सहित शहर की तमाम जानी-मानी हस्तियों ने भी शिरकत किया। अब तक इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हामी भरने वाले 50 से ज्यादा लोगों में कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं — राज्यसभा के उपसभापति एवं वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश, प्रसिद्ध शिक्षाविद, लेखक एवं स्तंभकार डॉ पुष्पेश पंत, रंगमंच की दुनिया के सशक्त हस्ताक्षर एम के रैना, प्रसिद्ध लेखक आनंद नीलकंठन (जिनके उपन्यास पर बाहुबलि फ़िल्म आधारित है), जाने-माने टीवी अभिनेता अंजन श्रीवास्तव (वागले की दुनिया), जानी-मानी महिला अधिकार कार्यकर्ता डॉ. रंजना कुमारी, भारत एक्सप्रेस के सीएमडी उपेन्द्र राय, नीदरलैंड्स के प्रसिद्ध भोजपुरी गायक राज मोहन, नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के निदेशक एवं अभिनेता चितरंजन त्रिपाठी, वरिष्ठ इतिहासकार एवं लेखक राना साफ़वी, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार प्रियदर्शन, लोकप्रिय टीवी न्यूज़ एंकर प्रतीक त्रिवेदी, सी-वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख, जाने-माने शायर अज़हर इकबाल, वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद आनंद प्रधान, जाने-माने फिल्म निर्देशक अविनाश दास, युवा लेखक एवं उपन्यासकार दिव्य प्रकाश दुबे, सत्या व्यास, इरा टाक, पंकज दुबे, अणुशक्ति सिंह, दुष्यंत एवं नागरी प्रचारणी सभा के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल, प्रसिद्ध भाषाविद बालेंदु शर्मा दाधीच, देश की पहली महिला दास्तानगो फौज़िया दास्तानगो, सुविख्यात स्क्रीन रायटर संजय मासूम, गीतकार डॉ सागर, एवं आम आदमी पार्टी के नेता एवं साहित्यकार दिलीप पांडे।इस बात की जानकारी प्रेस वार्ता के दौरान भारत डॉयलॉग्स के सह-संस्थापक एवं सीईओ विवेक सत्य मित्रम् ने दी जो ज़िले की ज़मानियां तहसील अंतर्गत आने वाले किशुनीपुर के निवासी हैं और पिछले 23 सालों से देश की राजधानी दिल्ली में बतौर वरिष्ठ पत्रकार एवं ब्रांड स्ट्रेटेजिस्ट काम कर रहे हैं। ज़िले के ही वरिष्ठ साहित्यकार एवं सम्माननीय कवि कुमार शैलेन्द्र के पुत्र विवेक सत्य मित्रम् कई न्यूज़ चैनलों के संपादक रह चुके हैं और उन्हें पत्रकारिता में उनके योगदान एवं सामाजिक कार्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ एवं इंटरनेशनल कॉन्फडरेशन ऑफ़ एनजीओज़ की तरफ़ से करमवीर मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।वाराणसी में आयोजित होने वाले कर्टेन-रेज़र कार्यक्रम का मुख्य विषय ‘गिरमिटिया विरासत’ है जिसमें दक्षिण अफ्रीका, गुयाना, फिजी, सूरीनाम, मॉरीशस, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, नीदरलैंड्स एवं आस्ट्रेलिया जैसे देशों में रह रहे गिरमिटिया समाज के इतिहास और वर्तमान के साथ-साथ उनकी भूली बिसरी कहानियों, उनकी चुनौतियों और भारत के साथ उनके गहरे संबंधों और उसके भविष्य पर चर्चा की जाएगी। इस आयोजन में विभिन्न देशों के राजनयिकों के साथ-साथ कई जाने-माने इतिहासकार, साहित्यकर्मी, शिक्षाविद और वरिष्ठ पत्रकार शामिल होंगे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारत डॉयलॉग्स की अन्य सह-संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक पूजा प्रियंवदा ने कहा, “गाज़ीपुर हमेशा से ही सांस्कृतिक और साहित्यिक चेतना का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिलस (जीएलएफ़) 2025 उन गौरवशाली नामों और कहानियों को केंद्र में लाएगा जो आज तक हाशिए पर रहे। जीएलएफ़ महज साहित्य और कला का त्यौहार नहीं है बल्कि ये एक गंभीर कोशिश है स्वामी सहजानंद सरस्वती, कुबेर नाथ राय, नज़ीर हुसैन, राही मासूम रज़ा, डॉ. विवेकी राय, विश्वनाथ सिंह गहमरी जैसी गाज़ीपुर की महान विभूतियों, यहां के भोजपुरी साहित्य और और गिरमिटिया विरासत को सही सम्मान दिलाने की। इस कार्यक्रम में ना केवल देश के अलग-अलग हिस्सों के बल्कि दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, फिजी, गुयाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, सूरीनाम एवं सेशल्स जैसे देशों से तमाम गणमान्य लोग गाज़ीपुर आ रहे हैं। ये कार्यक्रम गाज़ीपुर को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नई पहचान दिलाएगा।” लिटरेचर फेस्टिवल के उद्देश्य पर बात करते हुए विवेक सत्य मित्रम् ने कहा, “मेरे लिए तो ये घर वापसी जैसा है — ग़ाज़ीपुर के लिए, भोजपुरी के लिए, और पूर्वांचल की आत्मा के लिए। जीएलएफ़ (GLF) एक पुल है — गाँव और दुनिया के बीच, परंपरा और नई सोच के बीच। मेरा मानना है कि यह आयोजन पूर्वांचल की आवाज़ को वैश्विक मंच देगा। लिटरेचर फेस्टिवल न केवल पूर्वांचल का अब तक का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन होगा, बल्कि ग़ाज़ीपुर की साहित्यिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। जीएलएफ़ 2025 एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है — जो हमारे अतीत को सम्मान और वर्तमान को पहचान दिलाएगा।” गौरतलब है कि लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान तीन दिनों में लगभग 40 से ज्यादा बौद्धिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं लोककला से जुड़े कार्यक्रम होंगे जिसमें विशेष अतिथियों एवं प्रमुख वक्ताओं के भाषण, सामूहिक चर्चा, एकल साक्षात्कार, गायन-नृत्य-संगीत प्रस्तुति, पुस्तक विमोचन, हेरिटेज वॉक, फूड फेस्टिवल, कवि सम्मेलन, मुशायरा, लोककला एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी, पुस्तक प्रदर्शनी, विभिन्न विषयों पर कार्यशालाएं, लोक संगीत प्रस्तुति एवं छात्रों तथा बच्चों के रंगारंग कार्यक्रमों के साथ-साथ साहित्य जगत की हस्तियों का सम्मान समारोह शामिल है। गाज़ीपुर में ये अपनी तरह का पहला ऐसा कार्यक्रम होगा जिसमें 10 से 15 हज़ार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। साथ ही इस कार्यक्रम का प्रसारण राष्ट्रीय टीवी चैनल पर होगा जिसके जरिए गाज़ीपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक अनुमान के मुताबिक तकरीबन 3 करोड़ लोगों तक पहुंच सकेगा।