चित्रकूट पुलिस द्वारा मनाई गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व भारत के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती में दोनों महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर दी गई
निष्पक्ष जन अवलोकन। । शिवसंपत करवरिया। चित्रकूट ।चित्रकूट पुलिस द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई । पुलिस लाइन परिसर में पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह द्वारा दोनों महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन कर राष्ट्रगान गाया तथा बापू जी का प्रिय गीत रामधुन बजायी गयी । इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा, "महात्मा गांधी ने सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के बल पर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया वह भारत के ही नही पूरी दुनिया के मसीहा है। गांधी जी के आधी धोती पहनने व ओढने के पीछे एक मार्मिक कथा है, जब व्यक्ति के अन्दर यह संवेदना हो जिस संवेदना से मोहन दास करमचंद गांधी, महात्मा गांधी बन गये तो फिर उसे जीवन मे कही किसी से किसी तरह के आदेश की निर्देश की किसी विशेष तरह के प्रयास की जरुरत नही पड़ती है। बिहार की वह घटना जहां भारतीय समाज में महिलाओं की यह स्थिति थी कि उनके पास दो कपड़े नही थे कि वह धो सके और सुखा सके आधे कपडें से अपनी मर्यादा का आवरण करते हुये आधे कपडें धुल कर सुखा रही थी वैसे तो किसी ऐसे व्यक्ति के लिये जिसके अन्दर संवेदना न हो यह सामान्य सी घटना है लेकिन जिसके अन्दर संवेदना हो उसके लिये बहुत बडी घटना है और उसी के रुप में आप देखते है कि महात्मा गांधी जी को जिस वेश मे हमने आपने देखा है जिस वेश में हम और आप अपने दिमाग में उनकी इमेज बना चुके है जिस वेश में चित्रकार उनके चित्र उकेरते है वह विहार की उसी घटना का युगों युगो तक कहीं न कहीं सजीव चित्रण है वह ऐसे ही नही मसीहा हो गये ऐसे ही नही राष्ट्रपिता हो गये राष्ट्रपिता बनने के रास्ते में कितनी ठोकरे खायी कोई पत्थर ऐसे ही शिवलिंग नही बन जाता ऐसे ही नही पूजा जाता है उस पूजा प्राप्त करने का जो उस शिवलिंग को आर्शीवाद प्राप्त हो जाता है उससे पहले की यात्रा जब हम उसे जानने लगते है उसे पढने लगते है उसका चित्रण मन में करने लगते है तो अपने आप हमारे अन्दर बहुत बडा परिवर्तन हो जाता है। इसी तरह की यात्रा गांधी जी की है तब वह राष्ट्रपिता बने ।ठीक उसी तरह की यात्रा भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की है , शास्त्री जी बडें सामान्य परिवार में पैदा हुये थे उनके पास नाविक का किराया देने तक का पैसा नही था नदी पार करके जाना स्कूल जाना पड़ा लेकिन उनकी दृड इच्छा शक्ति थी कि स्कूल समय से पहुंचना है अनुपस्थित नही होना है उसी इच्छा शक्ति के नाते वह इस देश की सत्ता के शिखर पर विराजमान हुये ।आज हम देश की दो महान विभूतियों की जयंती मना रहे है तो हमारे अन्दर भी वह चिंतन मनन का भाव आना चाहिये हमें चिंतन मनन करना चाहियें । इन तस्वीरों से हमें जो उर्जा मिलती है उस उर्जा के हम कितना अपने अन्दर आत्मसार करते है। पुलिस अक्षीक्षक चित्रकूट द्वारा बताया गया कि गांधी जी को ब्रिटेन में एक कान्फ्रेंस में जाना था जिसका ड्रेस कोड निर्धारित था लेकिन महात्मा गांधी जी अपने उसी स्वरुप में धोती आधी पहने व आधी ओढे हुये पहुंच गये वहां पर मौजूद ऑफिसर्स द्वारा टोका गया कि ड्रेस कोड के आलावा अन्य किसी ड्रेस मे प्रतिभाग नही कर सकते है गांधी जी अपनी धुन के पक्के थे अंतत: वायसराय को उनके आगे झुकना पड़ा और कहा कि गांधी जी जैसे भी आय़े है वह शिरकत करेंगे उनकी भी यह इच्छा थी की देंखे यह कौन सा फकीर है जो ब्रिटिश हुकुमत को हिलाकर रखा है । जब गांधी जी पहुंचे तो वायसराय द्वारा वयंग्य में कहा गया कि आपके कपडे कहां है तब गांधी जी ने जो जबाव दिया कि हुजुर मेरे क्या हम सारे हिन्दुस्तानियों के कपड़े तो आपने चुरा लिये है फिर हम इस वेष के अलावा कैसे आ सकते है । उस दृढ इच्छा शक्ति के साथ हम हिन्दुस्तानियों के साथ जो ज्यादती हो रही थी उसका जीता जागता चित्रण पेश किया सिर्फ चित्रण ही पेश नही किया बल्कि उसको आत्मसाथ कर लिया उस आत्मसाथ करने के ही कारण वह बल था जो सत्ता की इतनी बडी हैसियत जिसके सामने सीना तानकर गांधी जी ने जबाव दिया । पुलिस अधीक्षक ने पुलिस कर्मियों से अपील की कि वे महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी के आदर्शों का पालन करें। उन्होंने कहा, "इन महान नेताओं के आदर्श हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हैं । पुलिसकर्मियों को भी सत्यनिष्ठा, अनुशासन, और सेवा भावना के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की प्रेरणा महात्मा गांधी जी के जीवन से लेना बताया गया, सभी को अपने आस-पास स्वच्छता रखने हेतु बताया गया तथा यह भी बताया गया कि सामाजिक एवं आधुनिक जीवन में महात्मा गांधी जी के सामाजिक मूल्यों व आदर्शों को आत्मसाथ कर एक अच्छे एवं जिम्मेदार नागरिक की भूमिका का निर्वाहन करना चाहिए एवं भारत के विकास में अपना योगदान देना चाहिए । इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक चित्रकूट द्वारा यूपी आपात 112 अन्तर्गत नियुक्त कर्मी 1. कमाण्डर चंद्रेश कुमार यादव, पायलट विनय कुमार मिश्रा पीआरवी 4430 को निरंतर अथक परिश्रम एवं उच्चकोटि की कर्तव्यपरायणता का प्रदर्शन करते हुये आत्महत्या का प्रयास कर नागरिकों की जान बचाने के लिये प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया एवं स्वच्छ भारत मिशन के तहत पुलिस विभाग में कार्यरत चतुर्थ क्लास सफाईकर्मियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुये उन्हें कम्बल एवं मिष्ठान प्रदान कर सम्मानित किया गया । इस दौरान क्षेत्राधिकारी नगर/ लाइन्स अरविन्द वर्मा, क्षेत्राधिकारी प्रज्ञान अजेय कुमार शर्मा, प्रतिसार निरीक्षक रामशीष यादव, प्रभारी आरटीसी प्रदीप कुमार अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे। इसी क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक चित्रकूट सत्यपाल सिंह द्वारा पुलिस कार्यालय में पुलिस अधि0/कर्मचारियों के साथ दोनों महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया। सर्किल मुख्यालय पर समस्त क्षेत्राधिकारीगण द्वारा में दोनों महापुरुषों के चित्रों पर किया गया माल्यार्पण सभी थानों व चौकियों में प्रभारी निरीक्षक/थाना प्रभारी/चौकीप्रभारी द्वारा दोनों महापुरुषों को चित्रों पर किया गया माल्यार्पण