मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा: ग्राम पंचायत सिसवा बुजुर्ग में सरकारी धन की खुली लूट
निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड बढ़नी, सिद्धार्थनगर की ग्राम पंचायत सिसवा बुजुर्ग से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ 10 मास्टर रोल के तहत दर्ज मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी में भारी धांधली किए जाने के गंभीर आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, मजदूरों की उपस्थिति के लिए फोटो से फोटो लेकर फर्जी ऑनलाइन अटेंडेंस लगाई जा रही है, जबकि मौके पर मात्र 17 से 18 मजदूर ही वास्तविक रूप से काम करते पाए जाते हैं। स्थानीय मजदूरों का कहना है कि जब भी वे कार्यस्थल पर जाते हैं, तो पता चलता है कि उनकी हाजिरी पहले ही ऑनलाइन चढ़ा दी गई है। इससे स्पष्ट है कि प्रधान और सचिव की मिलीभगत से सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। मनरेगा जैसी गरीब-कल्याण योजना को निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया जाना अत्यंत शर्मनाक है। ग्रामीणों ने बताया कि मजदूरों के नाम पर लाखों रुपये निकाले जा रहे हैं, लेकिन मेहनतकश लोगों को उनका पूरा हक नहीं मिलता। कई मजदूरों की हाजिरी बिना बताए चढ़ा दी जाती है, जबकि वे उस दिन मौके पर मौजूद ही नहीं होते। यह पूरा खेल सुनियोजित तरीके से चल रहा है, जिसमें फर्जी दस्तावेज, पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल और डिजिटल हेरफेर शामिल है। मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार देना और गरीबी कम करना है, लेकिन यहाँ इस योजना को भ्रष्टाचार की खुली पाठशाला बना दिया गया है। इस घोटाले ने गरीब परिवारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद क्या कार्रवाई करता है और कब तक दोषियों पर शिकंजा कसता है।