भारतीय किसान यूनियन भदौरिया गुट का दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रही

भारतीय किसान यूनियन भदौरिया गुट का दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रही

निष्पक्ष जन अवलोकन अजय रावत ।। सिरौलीगौसपुर बाराबंकी।भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) भदौरिया संगठन का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। संगठन जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन में विभिन्न मांगों पर तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहा है। प्रमुख मांगों में बुढ़वल चीनी मिल को तत्काल प्रभाव से चलवाना शामिल है। संगठन का कहना है कि मुख्यमंत्री ने 2022 में मिल चलाने की घोषणा की थी और बजट भी जारी हो चुका है, लेकिन मिल अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इससे क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। इसके अतिरिक्त, जनपद की सभी तहसीलों में असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय कराने में किसानों को आ रही समस्याओं पर भी ध्यान आकर्षित किया गया। आरोप है कि अधिकारियों को मोटी रकम दिए बिना यह कार्य नहीं किया जाता, जिससे किसानों को बार-बार तहसील के चक्कर लगाने पड़ते हैं। संगठन ने इस पर तत्काल संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। बाराबंकी और बहराइच की सीमा पर सरयू (घाघरा) नदी पर स्थित संजय सेतु की जर्जर हालत भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। संगठन ने चेतावनी दी है कि पुल कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। प्राथमिकता के आधार पर योग्य तकनीशियन की देखरेख में इसकी मरम्मत और जनहित में एक नए पुल के निर्माण की मांग की गई है। मरकामऊ से बहराइच-लखनऊ हाईवे को जोड़ने वाली मरकामऊ-चौकाघाट रोड पर तीन साल पहले बने एक पुल के छह महीने के भीतर ही जर्जर होने का मामला भी उठाया गया। संगठन ने इसे कार्यदायी संस्था और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से हुए भ्रष्टाचार का परिणाम बताया और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए संगठन ने एक और मांग रखी है। यदि किसी शिकायतकर्ता द्वारा सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध शपथ पत्र पर शिकायत की जाती है और जांच में वह दोषी सिद्ध होता है, तो उसे निलंबित करने के बजाय नौकरी से बर्खास्त किया जाए। रामनगर पीजी कॉलेज से संबंधित दो मांगें भी उठाई गईं। संगठन ने हिंदी विभाग में तथ्यों को छिपाकर नौकरी कर रहे डॉ. अखिलेश कुमार वर्मा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही, कॉलेज प्रबंधन द्वारा दशकों पुरानी व्यवस्था के अनुसार सीधे बैंक में फीस जमा कराने के बजाय ऑनलाइन फीस जमा करने की व्यवस्था लागू करने की मांग की गई है, जैसा कि अन्य कॉलेजों में होता है।इस मौके पर अंशू लाला सहित दर्जनों किसान धरने पर बैठे हुए हैं।