धरा ईंट भट्ठों पर नाबालिग बच्चों से कराई जा रही मजदूरी

धरा ईंट भट्ठों पर नाबालिग बच्चों से कराई जा रही मजदूरी

निष्पक्ष जन अवलोकन विजय शुक्ला

बारा/प्रयागराज धरा क्षेत्र के ईंट भट्ठों पर बेखौफ बाल मजदूरों से काम कराया जा रहा है कम पैसों में इन बच्चों से ईंट भट्टे पर ठेकेदारी के रूप में काम लिया जाता है जिन्हें 200 से 300 दिया जाता है जो आधी मजदूरी है मजदूरों के पलायन के उपरांत इन बच्चों से मजदूरों की कमी दूर की जाती है इस पर कोई भी अधिकारी संज्ञान लेने की स्थिति में भी नहीं दिखता है बच्चे व उनके परिजनों को दो पैसे की आमदनी हो जाती है जिसके कारण वह न हीं विरोध करते हैं न ही उनको किसी भी तरह की आपत्ति है वैसे तो बच्चों से मजदूरी करना अपराध है लेकिन ईंट भट्ठा संचालक चंद रुपए की लालच से खुलेआम इस अपराध में संलिप्त हैं बालश्रम कानून को ठेंगा दिखाते हुए यहां बच्चों से कच्चे ईंट की ढुलाई समेत कई अन्य कार्य करा रहे हैं धरा गांव के एक ईट भट्ठा पर बाल मजदूरों को कार्य करते देखा गया हैअलग अलग हिस्सों पर बड़े मजदूरों के साथ बाल मजदूर भी काम कर रहे थे बताया जाता है कि ईंट भट्टों की जांच के नाम पर जिम्मेदार पदाधिकारी सिर्फ चाय पानी की दुकानों पर छापामारी कर कर्तव्यों से इतिश्री कर ले रहे हैं धरा क्षेत्र में ईंट-भट्ठे संचालित हैं धरा ग्रामीण क्षेत्र के कालीकरण सड़क के समीप स्थित हैं ईट भट्टों पर दूसरे प्रदेश के श्रमिक ईंट भी यहां पथाई का कार्य करने के लिए आते हैं भट्ठों पर ही झ़ुग्गी झोपड़ी बनाकर श्रमिक परिवार जीवन यापन कर रहा है इनके छोटे बच्चे भट्ठा संचालकों के लिए सस्ते मजदूर हैं भट्ठे पर ईट पथाई कच्चे ईंट की ढुलाई बच्चों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने कोयला तोड़ने आदि काम में बाल श्रमिकों को लगाया जाता है सामान्य दिहाड़ी से आधे रेट में इन्हे भुगतान मिलता है बालश्रम में फंसकर यह बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं और बड़े होकर भट्ठों पर ईंट पथाई समेत अन्य परंपरागत कार्य में जुट जाते हैं बालश्रम पर अंकुश लगाने के लिए छापामारी सिर्फ धरा क्षेत्र के चौक-चौराहों पर चल रहे हैं चाय-पानी की दुकानों तक सीमित है ठोस कार्रवाई न होने से सस्ते मजदूर के तौर पर पढ़ने-लिखने की उम्र में ईंट-भट्ठों पर बचपन घुट रहा है