हाईकोर्ट ने पूछा; सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस करने के हकदार हैं या नहीं

हाईकोर्ट ने पूछा; सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस करने के हकदार हैं या नहीं

निष्पक्ष जन अवलोकन विजय शुक्ला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में तैनात प्रोफेसर किसी निजी नर्सिंग होम में प्रैक्टिस करने के हकदार हैं या नहीं। साथ ही कोर्ट ने निजी नर्सिंग होम निजी प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ जांच कर 48 घंटे में जानकारी तलब की है।यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने मेडिकल कॉलेज गुर्दा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ अरविंद गुप्ता की याचिका पर दिया है। डॉ गुप्ता ने फीनिक्स अस्पताल में किये गये गलत इलाज के एवज में राज्य उपभोक्ता आयोग की ओर से जुर्माना लगाये जाने के आदेश को चुनौती दी है।मामला प्रयागराज के फीनिक्स अस्पताल का है। शिकायतकर्ता रूपेश चंद्र श्रीवास्तव ने अपनी पत्नी के एकता अस्थाना को ईलाज के लिए नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। नर्सिंग होम ने डॉ अरविंद गुप्ता को इलाज के लिए बुलाया और फीस भी ली। लेकिन ईलाज गलत हुआ। इसके खिलाफ दम्पति ने राज्य उपभोक्ता आयोग में दावा किया। आयोग ने फिनिक्स अस्पताल और डॉक्टर पर दस लाख रूपये का जुर्माना लगाया था। साथ ही वाद व्यय भी अदा करने का आदेश दिया था।डॉ अरविंद गुप्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि जिला उपभोक्ता आयोग मेें दावा दाखिल किये बगैर शिकायतकर्ता ने सीधे राज्य आयोग का दरवाजा खटखटाया, जो पोषणीय नहीं है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याची मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज गुर्दा विभाग के विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर है। उन्हाेंने निजी निजी नर्सिंग होम फीनिक्स अस्पताल में चिकित्सा सेवा दी और उसके एवज में फीस भी प्राप्त की। सरकारी डाॅक्टर के निजी अस्पताल में प्रैक्टिस से हैरान कोर्ट ने 48 घंटे में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव से यह बताने का निर्देश दिया है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर के पद तैनाती के दौरान वह प्रयागराज के किसी निजी नर्सिंग होम में किसी मरीज को कोई उपचार दे सकते हैं?