लिटरेचर फेस्टिवल मे संजीव गुप्त की बहुचर्चित पुस्तक “भोजपुरी कहावतों की दुनिया " का हुआ लोकार्पण
निष्पक्ष जन अवलोकन
प्रमोद सिन्हा
गाजीपुर भारत डायलॉगस द्वारा आयोजित दो दिवसीय गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन आज दिनांक 8 नवम्बर को मुख्य अतिथि जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल माननीय मनोज सिन्हा, दक्षिण अफ्रीका के राजदूत प्रोफेसर अनिल सुकलाल, राज्य सभा सांसद डा० संगीता बलवंत व कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक उपेन्द्र राय ने दीप प्रज्जवलित कर किया I देश विदेश से जुटे सैकड़ों बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों तथा गाजीपुर जिले के प्रबुद्ध वर्ग का स्वागत करते हुए उपेन्द्र राय ने गाजीपुर लिटरेचर फेस्टिवल को जड़ों से जोड़ने वाला ऐतिहासिक अवसर बताया अपने सारगर्भित, संबोधन में डा० राही मासूम रजा, डा० कुबेरनाथ राय, डा० विवेकी राय आदि को उधृत करते हुए मुख्य अतिथि मनोज सिन्हा ने कहा की गाजीपुर ऋषियों संतों तपस्वियों विचारकों व क्रांतिकारियों की धरती है यह अद्वैत की प्रेरक भूमि है गाजीपुर मेरे लिए मेरा संसार है इसलिए गाजीपुर से जुड़े किसी भी आयोजन में मैं शामिल होने का प्रयास करता हूँ I इस कार्यक्रम में गाजीपुर के प्रमुख समाज सेवी संजीव गुप्त की बहुचर्चित पुस्तक “भोजपुरी कहावतों की दुनियाँ” का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया I लीटरेचर फेस्टिवल मे लोकार्पित समाजसेवी संजीव गुप्ता की बहुचर्चित पुस्तक ,भोजपुरी कहावतों की दुनियाँ, पर विशेष चर्चा के सत्र मे बी एच यू के प्रोफेसर सदानंद शाही ने कहा की मै संजीव जी के पहले उपन्यास वह दिन के लोकार्पण मे भी शामिल हुआ था और कहा था की यह युवा उत्साह न रह जाय लेकिन मुझे प्रसन्नता है की यह उनकी पांचवी पुस्तक है जिस पर हम चर्चा कर रहे हैँ।मुझे पूरा विश्वास है की यह पुस्तक न सिर्फ शोधार्थियों के लिए बहुमूल्य है बल्कि लोक भाषा भोजपुरी को सस्थागत रूप देने का प्रयास भी है।मृत्युंजय जी ने कहा की यह पुस्तक भोजपुरी समाज के समाजशास्त्रीय अध्ययन का भी महत्वपूर्ण स्रोत है।सत्र संचालक भवतोष पांडे के प्रश्नों का जवाब देते हुए लेखक संजीव गुप्ता ने कहा की भोजपुरी कहावतों मुहावरों पहेलियों ,सूक्तियों का यह संकलन,सम्पादन मेरी माई सुनरी आदि भोजपुरी महतारियों व अनंतदेव पांडे जैसे लोकजीवियों के स्मृति संसार का प्रकटीकरण है।दूसरे खंड मे चुनिंदा १११ कहावतों पर मेरे समसामयिक लेख गाव से लेकर विश्व तक,धर्म से लेकर साहित्य तक व राजनीति से लेकर संस्कृति तक फैले मेरे जीवन दृष्टिकोण को व्यक्त करते हैँ।संजीव गुप्ता सभी श्रोताओं को अपनी पुस्तकों का सेट भेंट किया।उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने मे मुख्य भूमिका अमर नाथ तिवारी एवं संजीव अरुण कुमार की रही इन्होने इस कार्यक्रम हेतु लगभग 3 महीने अथक परिश्रम किया l