पुलिस ने 100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत ग्रामीणों को किया जागरूक
निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। जनपद में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश के क्रम में जनपद स्तर पर संचालित 100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बाल विवाह की घटनाओं की रोकथाम, अखिल भारतीय बाल बचाव एवं पुनर्वास, किशोर श्रम उन्मूलन, बाल भिक्षावृत्ति तथा मानव तस्करी की रोकथाम हेतु व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। 26 दिसम्बर को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश में, श्रीमान् पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देशन में,अपर पुलिस अधीक्षक नोडल अधिकारी कालू सिंह एवं क्षेत्राधिकारी यातायात राजेश कुमार श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में थाना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग आहत पुलिस टीम द्वारा ग्राम बुढवार, सहरिया बस्ती में बच्चों को बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन तथा मानव तस्करी की रोकथाम के संबंध में व्यापक रूप से जागरूक किया गया। जागरूकता कार्यक्रम के दौरान ग्रामवासियों को शासन एवं प्रशासन द्वारा जारी विभिन्न टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर— 1090, 1098, 108, 102, 112, 1076, 1930 एवं 181 के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई तथा किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया गया। इस अवसर पर बच्चों को बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, बाल उत्पीड़न एवं किसी भी प्रकार के शोषण की स्थिति में पुलिस सहायता लेने के संबंध में जागरूक किया गया। साथ ही यह स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है। सभा के माध्यम से ग्रामवासियों को विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम कराना कानूनन दंडनीय अपराध है, चाहे वह दुकान, होटल, ढाबा, खेत-खलिहान अथवा किसी भी निजी या सार्वजनिक प्रतिष्ठान में कराया जाए। उपस्थित ग्रामीणों को बाल श्रम से संबंधित प्रचलित कानूनों, दंडात्मक प्रावधानों तथा इसके दुष्परिणामों के बारे में सरल भाषा में समझाया गया, साथ ही यह भी बताया गया कि बाल श्रम बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं शैक्षणिक विकास में गंभीर बाधा उत्पन्न करता है। इसके अतिरिक्त नाबालिग बच्चों की देखरेख, संरक्षण एवं सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के संबंध में अभिभावकों के साथ व्यापक चर्चा एवं विचार-विमर्श किया गया। अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा तथा भावनात्मक देखभाल के प्रति सजग रहने, बच्चों को किसी भी प्रकार के शोषण, उत्पीड़न या जोखिमपूर्ण गतिविधियों से दूर रखने तथा संदिग्ध परिस्थितियों में तत्काल प्रशासन एवं पुलिस को सूचना देने हेतु प्रेरित किया गया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना समाज एवं अभिभावकों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उक्त अभियान में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग आहत थाना प्रभारी निरीक्षक श्री हरिशंकर, उ0नि0 मंसूर अंसारी, म0का0 कल्पना बाजपेयी तथा चौकी प्रभारी नेहरू नगर श्री अंकित कौशिक द्वारा सक्रिय सहभागिता की गई।