जलजीवन मिशन के अंतर्गत करोड़ों खर्च करने के बावजूद भी दो ग्राम पंचायतों में बन रही पानी की टंकी का कार्य अपूर्ण कार्यदायी संस्था लगा रही सरकार को चूना

जलजीवन मिशन के अंतर्गत करोड़ों खर्च करने के बावजूद भी दो ग्राम पंचायतों में बन रही पानी की टंकी का कार्य अपूर्ण कार्यदायी संस्था लगा रही सरकार को चूना हरगांव सीतापुर--- हरगांव विकास खंड क्षेत्र के अंतर्गत जलजीवन मिशन के अंतर्गत नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग उत्तर प्रदेश के व्दारा संचालित योजना के अंतर्गत कार्यदायी संस्था एन सी सी लिमिटेड के व्दारा ग्राम पंचायत भटपुरवा व बक्सोहिया के लिए बनाई जा रही पेयजल आपूर्ति टंकी करोड़ो रुपए खर्च करने के बाद भी अभी अपूर्ण पड़ी है।जबकि इस कार्य को कार्यदायी संस्था के व्दारा प्रारंभ हुए लगभग दो वर्ष हो चुके हैं।हालांकि काफी समय से संस्था के व्दारा कार्य बंद पड़ा हुआ है।प्राप्त जानकारी के अनुसार हरगांव विकास खंड के अंतर्गत जलजीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के जलजीवन मिशन के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के व्दारा पेयजल योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत भटपुरवा व बक्सोहिया के लिए कार्यदायी संस्था एनसीसी लिमिटेड के व्दारा एक पेयजल टंकी का निर्माण लगभग दो वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत भटपुरवा में प्रारंभ किया गया था।जिसकी लागत कार्यदायी संस्था के व्दारा निर्माणाधीन टंकी में लगे बोर्ड के अनुसार 4 करोड़ 83लाख ₹ है।मगर निर्माणाधीन टंकी का निर्माण कार्य काफी समय से बंद पडा है।कार्यदायी संस्था के व्दारा टंकी प्रांगण में लगे बोर्ड में कार्य प्रारंभ की तिथि दर्शायी नहीं गयी है।संबंधित गांवों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी अभी अधूरा पडा हुआ है।जो कार्यदायी संस्था की कार्यशैली को प्रदर्शित करता है।इससे यह प्रतीत होता है कि कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों के व्दारा कार्य रुचिपूर्ण तरीके से नहीं किया गया है।दोनों ग्राम पंचायतों के निवासियों को शुध्द पेयजल प्राप्त होने में कितना समय और लग जाएगा यह अंधकार के गर्भ में है।इस तरह से कार्यदायी संस्था के व्दारा सरकार को चूना लगाते हुए आम नागरिकों को शुध्द पेयजल पीने से महरूम होना पड़ रहा है।