मोहम्मद उबैद के हाफिज़ बनने पर/मस्जिद अल कौसर मे एक शानदार तकरीब-ए-तकमील-ए/-हिफ़्ज़-ए-कुरआन का आयोजन किया गया/लोगो का लगा ताता
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निष्पक्ष जन अवलोकन/मोहम्मद फैसल सिद्दीकी/पीरबटावन बाराबंकी।जनपद के पीरबटावन मस्जिद अल-कोसर में एक शानदार तक़रीब-ए-तक़मील-ए-हिफ़्ज़-ए-क़ुरआन का आयोजन किया गया। जिसमें मोहम्मद उबैद इब्ने मोहम्मद हाजी परवेज ने क़ुरआन पाक हिफ़्ज़ मुकम्मल किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उलेमा,हाफ़िज़,अलीम मौलाना,कारी और आम लोग मौजूद रहे सभी लोगों ने हाफ़िज़-ए-क़ुरआन की हौसला अफ़ज़ाई की दुआओं से नवाजा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मौलाना अब्दुर्रफ़ी क़ासमी इमाम एक मीनारा मस्जिद ने क़ुरआन की तिलावत से शुरुआत की हाफ़िज़-ए-क़ुरआन के बार में बताया हिफ़्ज़-ए-क़ुरआन बनना बड़े नसीब की बात होती है। और हाफ़िज़-ए-क़ुरआन को दुनिया और आख़िरत में ऊँचा दर्जा प्राप्त होता है। बच्चों को हाफ़िज़-ए-क़ुरआन बनाने में उस्ताद और परिवार के लोगों की अहम जिम्मेदारी होती है, वह परिवार बहुत कुछ नसीब होता है जिसका बच्चा हाफ़िज़-ए-क़ुरआन बनता है। मोहम्मद उबैद ने कारी मोहम्मद सुहैल अख़्तर की देखरेख में हिफ़्ज़ मुकम्मल किया। इस सफलता में उनके परिवार, विशेष रूप से उनकी मां और भाई की अहम जिम्मेदारी रही। जिन्होंने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया और दुआएँ दीं। इस खुशी के मौके पर उनके वालिद जनाब हाजी परवेज साहब के आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े हाजी परवेज कहते है देश के सभी बच्चे हाफिज ए कुरान हो जाए इससे बड़ी मां-बाप की दौलत क्या होगी जिसका बच्चा हाफ़िज़-ए-क़ुरआन हो वह दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। इस अवसर पर मौलाना मोहम्मद अख़लाक़ नदवी,मौलाना शफ़ीउर्रहमान नदवी,मौलाना नस़ीम साक़बी,वार्ड के सभासद मो नईम,सगीर अमान उल्लाह पत्रकार,हाजी इसरार,समेत कई अन्य उलेमा,हाफ़िज़ और विद्वान उपस्थित रहे। मोहल्ले के लोगों और मोहम्मद उबैद के परिवार के सदस्यों ने भी बड़ी संख्या में लोगों ने मौजूद रहे सभी ने उबैद को दुआओं से नवाज़ा और मुबारक बाद दुआ के बाद कार्यक्रम का समापन किया गया।