पिछले 5 वर्षो का मूल्यांकन कर कराए स्कूल में बच्चों का एडमिशन : डॉ अखलाक अहमद

लुभावनी स्कीम पर ना जाएं

पिछले 5 वर्षो का मूल्यांकन कर कराए स्कूल में बच्चों का एडमिशन : डॉ अखलाक अहमद

संत कबीर नगर । बच्चे हमारे देश का भविष्य है उन्हें सही शिक्षा देना और सही दिशा देना जहां मां-बाप का कर्तव्य है वहीं समाज के प्रति अपने दायित्वों को लेकर सजग रहने वाले प्रत्येक सामाजिक व्यक्ति का भी यह कर्तव्य है।

   उक्त उदगार बहुचर्चित समाजसेवी और समाज के प्रति अपनी दायित्वों को लेकर सजग रहने वाले डॉक्टर अखलाक ने एक मुलाकात में कहीं। उन्होंने आगे कहा कि समाज में होने वाले अच्छे और बुरे कामों का भी मूल्यांकन करते रहना चाहिए ताकि समय आने पर समाज को सही दिशा दिया जा सके। आज यह कौन नहीं जानता कि समाज में होने वाले त्वरित परिवर्तन में शिक्षा एक अहम भूमिका अदा करती आई है और करती रहेगी। इसलिए शिक्षा को सर्वोपरि रखा गया है। शिक्षा ही समाज में नया परिवर्तन ला सकती है। शिक्षा से अमूल्यवान कोई धन नहीं। श्री अखलाक ने आगे कहा कि समाज ना जाने किस दिशा में जा रहा है। उन्हें मूल्यांकन करने का शायद वक्त ही नहीं मिलता है। कौन नहीं जानता कि कुछ साल पहले ही जो कान्वेंट 2 से 4 कमरों में था वो आज कई तल्ले की बिल्डिंग में बदल चुकी है। साल का दिसंबर खत्म होते ही कान्वेंट और प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन की होड़ लग जाती है। स्कूल प्रबंधन भी नए-नए लुभाने स्कीम के जरिए अभिभावकों को अपनी तरफ आकर्षित करने का पुरजोर कोशिश में लगे रहते हैं। शहर के बड़े चौराहे की बात क्या करें गांव के नुक्कड़ भी होर्डिंग से भर जाते हैं। कहीं पर एडमिशन के नाम पर किताबें फ्री हैं तो कहीं पर एडमिशन फ्री हो जाते हैं। अभिभावक इन लुभामानी स्कीम में पूरी तरह फंस कर अपने बच्चों का भविष्य अमुक स्कूल में पढ़ा रहे अध्यापकों के हवाले कर देते हैं। जबकि अध्यापकों का मूल्यांकन वह कर ही नहीं पा रहे हैं।