आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर हिंदू सम्मेलन, केशव बस्ती, अग्रसेन हाल में राष्ट्रधर्मिता और एकजुटता का दिया गया संदेश।

आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर  हिंदू सम्मेलन, केशव बस्ती, अग्रसेन हाल में राष्ट्रधर्मिता और एकजुटता का दिया गया संदेश।

निष्पक्ष जन अवलोकन

प्रमोद सिन्हा

गाज़ीपुर। आरएसएस के सौ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गाज़ीपुर जनपद की विभिन्न बस्तियों में हिंदू सम्मेलन का आयोजन कर राष्ट्रधार्मिता और सामाजिक एकजुटता का संदेश दिया गया। शहर कोतवाली क्षेत्र के केशव बस्ती, अग्रसेन हाल, झुन्नूलाल चौराहा पर आयोजित हिंदू सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और पुरुष सपरिवार शामिल हुए। कार्यक्रम के आयोजक ओमप्रकाश तिवारी "बच्चा तिवारी" ने कहा कि इस सम्मेलन का मूल उद्देश्य सकल हिंदू समाज को एक मंच पर लाना है। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम परिवार सहित हिंदू समाज की सहभागिता का प्रतीक है। हमारा उद्देश्य है कि समाज में सभी जाति , धर्म और संप्रदाय के बीच आपसी प्रेम, सद्भाव और एकता का भाव मजबूत हो तथा सभी भारतीय नागरिक हिन्दू हैं और वे सभी राष्ट्रहित में एकजुट रहें। सह-आयोजक एवं केशव बस्ती प्रमुख आकाश ने कहा कि हिंदू सम्मेलन समाज को जोड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा, जाति, वर्ग और भेदभाव से ऊपर उठकर हिंदू समाज को एक सूत्र में पिरोना ही इस आयोजन का लक्ष्य है। जब समाज संगठित होगा तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल ने उपस्थित जनसमूह की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन राष्ट्रीयता और एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हिंदू सम्मेलन किसी जाति या मजहब के विरोध में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को मजबूत करने का माध्यम है। हमें संगठित रहकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित आरएसएस के जिला प्रचारक प्रभात जी ने मंच से संघ की विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आरएसएस सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर आधारित संगठन है। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य हिंदू समाज को संगठित करना, उसके चरित्र का निर्माण करना और भारत को उसकी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत व मूल्यों के आधार पर एक सशक्त राष्ट्र बनाना है। संघ भेदभाव रहित समाज, आत्म-जागरूकता और सामाजिक एकता पर बल देता है। उपस्थित वक्ताओं ने सभी से परस्पर प्रेम, सद्भाव और सामाजिक समरसता के साथ राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ने का आह्वान किया। हिंदू सम्मेलन में समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, जिससे आयोजन राष्ट्रधार्मिता और सामाजिक एकजुटता के संदेश के साथ संपन्न हुआ।