शादी से एक दिन पहले निलंबित लेखपाल ने दी जान
शादी से एक दिन पहले निलंबित लेखपाल ने दी जान
एसआईआर के कार्य को लेकर दबाव बना रहा था विभाग, बर्खास्तगी की दी गई धमकी
निष्पक्ष जन अवलोकन
दिव्यांश प्रताप सिंह
फतेहपुर । 22 नवम्बर को निलंबित होने के बाद 26 नवम्बर को अपनी शादी की तैयारियों में लगे एक युवा लेखपाल को जब कानून-गो ने बर्खास्तगी कराने की धमकी दी तो लेखपाल ने घर के अंदर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। यह खबर परिवार को पता चली तो शादी वाले इस घर में कोहराम मच गया। खुशियां, मातम में बदल गयी। घटना की सूचना पर एडीएम, एएसपी व अन्य अधिकारी लेखपाल के घर पहुंचे लेकिन परिजनों ने शव नहीं उठने दिया। परिजनों ने बिंदकी के रिटर्निंग आफिसर व कानूनगो के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना करने, जिससे लेखपाल द्वारा खुदकुशी करने का आरोप लगाकर तहरीर दी। अधिकारी, परिजनों को समझाने में लगे थे लेकिन देर शाम तक शव परिजनों ने नहीं उठने दिया। बिंदकी तहसील क्षेत्र के बागबादशाही खजुहा निवासी सुधीर कोरी बिंदकी तहसील में लेखपाल पद पर तैनात था और उसका क्षेत्र सुल्तानगढ़ था। वर्तमान समय में सरकार के निर्देश पर मतदाता पुनरीक्षण अभियान चल रहा है और इसे नवम्बर में समाप्त करने के सख्त निर्देश है। इस कारण सभी राजस्व कर्मी अभियान चलाकर इस कार्य को करने में लगे हुए है। सुधीर भी एसआईआर अभियान में लगा हुआ था लेकिन 26 नवम्बर को उसकी शादी थी तो ऐसे में उसने अवकाश की मांग की थी। । 22 नवम्बर को बिंदकी तहसील में चुनाव सम्बन्धी बैठक में वह अनुपस्थित था तो आरओ बिंदकी/एसडीएम द्वारा उसके निलंबन के निर्देश दिए गए थे। निलंबित होने पर सुधीर बहुत परेशान था। परिजनों के अनुसार मंगलवार की सुबह कानूनगो शिवराम सुबह 6.30 बजे दरवाजे पर आए और अपना परिचय देते हुए कहा कि सुधीर को अब बर्खास्तगी की कार्यवाही देखनी होगी, नहीं तो चुनाव का काम करो। सुबह सात बजे अचानक घर में चीख-पुकार मची तो पता चला कि सुधीर ने अपने कमरे में जाकर रस्सी से छत के चुल्ले से लटककर जान दे दी है। यह देख पूरे परिवार में कोहराम मच गया। बुधवार को उसकी बारात जानी थी और मंगलवार को सिलमायन का कार्यक्रम होना था। जैसे ही यह खबर गांव में फैली तो बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। सूचना पर एडीएम अविनाश त्रिपाठी, एएसपी महेंद्र पाल सिंह, बिंदकी कोतवाल हेमंत मिश्रा समेत अन्य राजस्व अधिकारी व लेखपाल संगठन, कोरी समाज संगठन के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को उठाने का प्रयास किया तो परिजनों ने इसका कड़ा विरोध किया और आरओ/एसडीएम व कानूनगो के खिलाफ एफआईआर नहीं होने तक शव नहीं उठने देने की बात कही। अधिकारी परिजनों को देर शाम तक समझाते रहे लेकिन बात नहीं बन सकी। दिवंगत सुधीर कोरी की बहन अमृता सिंह ने एसडीएम बिंदकी व कानूनगो शिवराम के खिलाफ तहरीर दी है। – संगठन ने कहा कि खुदकुशी नहीं बल्कि हत्या हुई बिंदकी । घटना की जानकारी होने पर वीरांगना झलकारी बाई समाज सेवा समिति के संस्थापक नरेश कोरी अपने कार्यकर्ताओं के साथ दिवंगत सुधीर के घर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एसडीएम व कानूनगो द्वारा जिस तरह से दबाव बनाया गया, वह बहुत ही निंदनीय है और यह खुदकुशी नहीं बल्कि प्रशासन के द्वारा की गई हत्या है और इसमें निष्पक्ष जांच व कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। वहीं बिन्दकी लेखपाल संगठन के अध्यक्ष, मंत्री सहित कई पदाधिकारी सुबह से ही घटनास्थल खजुहा में मौजूद रहे। संघ ने भी अधिकारियों से स्पष्ट किया कि जब तक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर नहीं होगी, शव नहीं उठने देंगे !