खागा कोतवाली के 100 मीटर दूरी पर संदीप पाल माफिया के द्वारा बेचा जा रहा है गांजा
फतेहपुर//खागा कोतवाली के 100मीटर दूरी पर संदीप पाल माफिया के द्वारा बेचा जा रहा गांजा जिम्मेदारों की चुप्पी युवाओं का भविष्य हो रहा बर्बाद खागा कोतवाली से100मीटर की दूरी (कस्बा खागा) में संदीप पाल जो जनपद कौशम्बी काबड़ा गांजा माफिया है। जिसके द्वारा अवैध गांजा बिक्री का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में जाकर बर्बादी की कगार पर पहुँच रही है, वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार विभाग मूकदर्शक बने बैठे हैं। स्थिति यह है कि नशे का यह धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है और कानून-व्यवस्था की रखवाली करने वाली पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए नजर आ रहे है। खागा कोतवाली अंतर्गत 100 मीटर दूरी पतली गली (कस्बा खागा) में कोतवाली कुछ ही दूरी पर एक सकरी गली सटर वाले कमरे में संदीप पाल नाम का व्यक्ति जो जनपद कौशाम्बी का अपराधी किस्म का माफिया कई बार जेल भी जा चुका है।वह नौबस्ता बाईपास एवं खागा कोतवाली के 100 मीटर दूरी पर और धाता थाना क्षेत्र के धाता कस्बे पर तीनों भांग की दुकानों में नाबालिक युवा के द्वारा लंबे समय से गांजे बेचने का धंधा धड़ल्ले से चलवा रहा है। कदर इसके हौसले इतनी बुलंद है कि कथित पत्रकार उजागर करने के लिए वीडियो बनाना चाहते हैं। तो उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भगा देता है। और कहता है कि पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगाड सकती पुलिस मुझसे महीना लेती है। आप क्या है ।आसपास के लोग कई बार इस संबंध में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। सूत्रों का कहना है कि स्थानीय कोतवाली और आबकारी विभाग के कुछ जिम्मेदार अधिकारी गांजा माफियाओं से महीनवारी वसूलकर पूरे खेल पर पर्दा डाल रहे हैं। यही वजह है कि कार्रवाई तो दूर, धंधा करने वालों के हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं। और कथित पत्रकारों को जान से मारने कि धमकी देते हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह से शाम ढलते तक मकान पर ग्राहकों की लाइन लग जाती है। नशे का सामान खुलेआम बेचा जा रहा है, मगर प्रशासन अनजान बना हुआ है। सवाल यह है कि क्या जिले में युवाओं का भविष्य यूं ही अंधेरे में धकेल दिया जाएगा? आखिर कब तक जिम्मेदार विभाग इस खतरनाक कारोबार पर आंख मूंदे रहेंगे?जनता का साफ कहना है कि अगर जिम्मेदार अफसर ईमानदारी से कार्रवाई करें तो इस गंदे कारोबार को जड़ से खत्म किया जा सकता है। लेकिन जब तक वसूली का खेल चलता रहेगा, तब तक फतेहपुर के युवाओं को नशे की अंधेरी गलियों से बाहर लाना नामुमकिन ही लगता है।अब सवाल जनता का – क्या जिले में जिम्मेदार अधिकारी गांजा माफियाओं पर शिकंजा कसने का साहस दिखाएंगे, या फिर यूं ही नशे का यह जाल बुनता रहेगा।वही संबंधित आबकारी अधिकारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जाएगी