भक्ति एक नशा है इस नशा को करने का सभी को सौभाग्य नहीं मिलता- श्री बैजनाथ गुरूजी
निष्पक्ष जन अवलोकन।
अनिल तिवारी।
भदोही। ज्ञानपुर क्षेत्र के लखनों में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के संगीतमय प्रवचन में कथा वाचक आचार्य श्री बैजनाथ गुरूजी ने प्रवचन के छठवे दिन भगवान श्री कृष्ण की रासलीला और गोपियों के भक्ति के बारे में विस्तार से बताया। आचार्य श्री बैजनाथ गुरूजी ने कहा कि भक्ति में पूरी जिंदगी को दाव पर लगाना पड़ता है, यदि भगवान की कृपा हुई तो भागवत प्राप्ति हुई नहीं तो फिर अगले जन्म में भगवान की भक्ति करने का मौका मिलता है। भक्ति और सत्संग एक नशा है यदि यह नशा लग गया तो संसार एक तरफ और भक्त एक तरफ हो जाता है। महाराज ने बताया कि परमात्मा से मिलने की इतनी व्याकुलता हो कि जीव को अपने का भी ख्याल न रखे और भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा और समर्पण से प्रेरित होकर संसार को कुछ न समझें। कार्यक्रम आयोजक श्री अजय उपाध्याय इस मौके पर अशोक त्रिपाठी, राजेश शुक्ला, विकास दूबे, पवन मालवीय, कैलाश अंजनी शुक्ला, देवी शंकर पाण्डेय, मनीष शुक्ला समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।