इंडियन आर्थ्रोप्लास्टी एसोसिएशन (IAA) का 21वां वार्षिक सम्मेलन सम्पन्न

सम्मेलन ने आर्थ्रोप्लास्टी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों और भारत की अग्रणी भूमिका को उजागर किया

इंडियन आर्थ्रोप्लास्टी एसोसिएशन (IAA) का 21वां वार्षिक सम्मेलन  सम्पन्न

निष्पक्ष जन अवलोकन। अमित कुमार चावला लखनऊ। इंडियन आर्थ्रोप्लास्टी एसोसिएशन (IAA) का 21वां वार्षिक सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इसमें वरिष्ठ विशेषज्ञों ने कंधे के प्रत्यारोपण की नई सर्जिकल तकनीकों और इम्प्लांट डिज़ाइनों पर चर्चा की। पेरिप्रोस्थेटिक जॉइंट इन्फेक्शन और आर्थ्रोप्लास्टी में प्रगति पर हुए सत्रों में डॉ. निकोलस सी. बुधिपरामा (अध्यक्ष, APOA), डॉ. रोनन रॉय, डॉ. बी.डी. चटर्जी और डॉ. सतीश कुट्टी ने संक्रमण के प्रबंधन और नई तकनीकों पर अपने विचार साझा किए। दिन का मुख्य आकर्षण रहा मास्टरक्लास ऑन कॉम्प्लेक्स केस सिनारियो, जिसमें विशेषज्ञों ने जटिल सर्जरी के मामलों पर चर्चा की।1 नवम्बर को डॉ. नारायण हल्से ने डॉ. उत्तम गर्ग और डॉ. राहुल सिंह के साथ मिलकर विवेकानंद हॉस्पिटल, लखनऊ में रोबोटिक सर्जरी की। आयोजन समिति ने विवेकानंद हॉस्पिटल के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानंद का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस ऐतिहासिक सर्जरी के लिए सहयोग और मंच प्रदान किया। आज डॉ. कृष्ण किरण (हेल्थसिटी विस्तारा) द्वारा टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई, जिसे सम्मेलन स्थल पर लाइव दिखाया गया। इस सत्र का संचालन डॉ. संदीप गर्ग और डॉ. संदीप कपूर ने किया। डॉ. संजीव कुमार (KGMU) द्वारा यंग सर्जन फोरम का आयोजन किया गया, जिसमें युवा सर्जनों को पुरस्कार प्रदान किए गए। समापन समारोह में सम्मेलन के तीन दिनों की शानदार सफलता का जश्न मनाया गया।इस दौरान डॉ. संजीव जैन ने डॉ. राकेश राजपूत को मेडल सौंपा। इस वर्ष सम्मेलन में 700 से अधिक प्रतिनिधियों और 20 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया। आयोजन सचिव डॉ. उत्तम गर्ग ने कहा: “IAACON 2025 पूरी तरह सफल रहा। यह भारत की वैश्विक पहचान और आर्थ्रोप्लास्टी क्षेत्र में नवाचार का प्रतीक है। तीन दिनों में हुई चर्चाओं और सहयोग ने भविष्य में जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए नई दिशा तय की है।” सम्मेलन का समापन उत्साह, सहयोग और उत्कृष्टता के नए संकल्प के साथ हुआ।