लाख उठाकर दुख को भी मत त्यागो संसार पं रामदयाल निर्विकार

लाख उठाकर दुख को भी मत त्यागो संसार  पं रामदयाल निर्विकार

निष्पक्ष जन अवलोकन जितिन रावत।। सिरौलीगौसपुर बाराबंकी।लाख उठाकर दुख को भी मत त्यागो संसार।यह पंक्ति कहते हुए साहित्यकार पं रामदयाल निर्विकार ने कहा है कि विषम परिस्थितियों में भी अपनी स्थिति वर्तमान दशा को नहीं बदलना चाहिए, परिस्थितियां चाहे जितनी कठोर न हो जांय ब्यक्ति को अपनी स्थिति पर हमेशा नियन्त्रण रखना चाहिए। बुधवार को पं रामदयाल निर्विकार ने कथा कहते हुए कहा कि लाख उठाकर दुख को भी मत त्यागो सपनों का संसार कविता में कहा है कि इन्ही विषम परिस्थितियों में के बीच मैने साहित्य साधना की। उन्होंने कहा कि हम समाज में कुछ नया कर पाने के लिए और दूसरों के काम आने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं।