बधौली गांव में सुनाई राजा परीक्षित के उद्धार की कथा

निष्पक्ष जन अवलोकन

बधौली गांव में सुनाई राजा परीक्षित के उद्धार की कथा

निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रशांत जैन। बिल्सी(बदायूँ)। रविवार को तहसील क्षेत्र के गांव बधौली में ब्रह्मदेव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक ऊषा देवी ने राजा परीक्षित प्रसंग को बड़े मार्मिक ढंग से सुनाया। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित पर कलियुग का प्रभाव पड़ा और उन्होंने शमीक ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल दिया था। इस घटना के बाद ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने राजा परीक्षित को श्राप दिया कि इस सांप का वंशज तक्षक सातवें दिन परीक्षित को काट लेगा तब शमीक ऋषि ने अपने शिष्य गोमुख को बुलाकर राजा परीक्षित के यहां भेजा और कहां राजा परीक्षित से कहना कि आप अपनी मुक्ति का मार्ग ढूंढ ले सातवें दिन तुम्हें तक्षक नाम का सांप काट लेगा। इधर जैसे ही राजा परीक्षित ने अपना मुकुट उतार कर रखा वैसे ही उन्हें ध्यान आया कि मैंने क्या कर दिया। मैंने एक ऋषि का अपमान कर दिया यह सब सोच ही रहे थे तभी गोमुख वहां पर आ जाते हैं और राजा से कहते हैं हे राजन तुम अपनी मुक्ति का मार्ग ढूंढ लो तुम्हें दक्ष नाम का सांप सातवें दिन काट लेगा। इस मौके पर ब्रजेंद्र कुमार वर्मा, हरवंश वर्मा, गोपाल बाबू, कल्याण वर्मा, श्रीराम, जंडैल सिंह, रुपसिंह, हेमसिंह आदि मौजूद रहे।