“एक बगिया मां के नाम परियोजना मध्यप्रदेश में साकार हो रहा पर्यावरण संरक्षण से नारी सशक्तिकरण का संकल्प फलोद्यान की बगिया विकसित करने में सिंगरौली जिला प्रदेश में सबसे आगे

“एक बगिया मां के नाम परियोजना मध्यप्रदेश में साकार हो रहा पर्यावरण संरक्षण से नारी सशक्तिकरण का संकल्प फलोद्यान की बगिया विकसित करने में सिंगरौली जिला प्रदेश में सबसे आगे

सोनू वर्मा! निष्पक्ष जान अवलोकन! सिंगरौली / स्व-सहायता सूमह की महिलाओं की आर्थिक उन्नति को लेकर प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण को लेकर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत प्रदेश में एक बगिया मां के नाम परियोजना प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अपनी निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह नागेश के मार्गदर्शन में जिले में चलाये जा रहे एक बगिया मॉ के नाम अभियान के तहत बगिया विकसित करने को लेकर समूह की महिलाओं का उत्साह भी दिखाई दे रहा है। अब तक जिले में 670 महिलाओं को स्वीकृति भी मिल चुकी है। इसके अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को पौधों की सुरक्षा से लेकर कटीले तार की फेंसिंग, पौधे खरीदने, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है। फलोद्यान की बगिया विकसित करने में वर्तमान में सिंगरौली जिला सबसे आगे है, जबकि खंडवा जिला प्रदेश में दूसरे नंबर है। एक बगिया मां के नाम परियोजना का लाभ लेने के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं का चयन एक बगिया मां के नाम ऐप से किया गया है। ऐप का निर्माण मनरेगा परिषद द्वारा एमपीएसईडी के माध्यम से कराया गया है। परियोजना के अंतर्गत जिले की 300 महिलाओं को लाभांवित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।, लेकिन एप 670 महिलाओं ने एक बगिया मां के नाम ऐप से पंजीयन कराया है, जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। एक बगिया मां के नाम परियोजना अंतर्गत समूह की महिलाओं की निजी जमीन पर प्रदेश में 15 अगस्त से फलदार पौधे लगाने का कार्य शुरू हो गया है। जो 15 सितंबर 2025 तक चलेगा। परियोजना अंतर्गत किए जा रहे पौधरोपण की मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक डेव्हलेपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा ड्रोन के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी। जिससे चयनित जमीन, गड्ढे सहित पौधों की यथास्थिति के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त हो सकें। एक बगिया मां के नाम’’ परियोजना अंतर्गत जिले की 670 स्व-सहायता समूह की महिलाओं की निजी जमीन पर 43 हजार से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे, जो समूह की महिलाओं की आर्थिक समृद्धि का आधार बनेंगे।