प्रयागराज में थाने के अंदर BJP के बड़े दलित नेता को पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा, SHO को हटाने की मांग पर अड़े पार्टी कार्यकर्ता

प्रयागराज में थाने के अंदर BJP के बड़े दलित नेता को पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा, SHO को हटाने की मांग पर अड़े पार्टी कार्यकर्ता

निष्पक्ष जन अवलोकन विजय शुक्ला

उत्तर प्रदेश में बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के एक बड़े पदाधिकारी पर पुलिस स्टेशन के अंदर हमला होने का मामला सामने आया है। बीजेपी के दलित नेता के साथ मारपीट की घटना प्रयागराज के झूंसी पुलिस स्टेशन के अंदर हुई है। इसे लेकर बीजेपी के नेताओं ने जबरदस्त विरोध जताया है।चूंकि मामला सूबे में सरकार चला रही पार्टी से जुड़ा था इसलिए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। एसीपी झूंसी विनाल किशोर मिश्रा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चार पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जब उनसे मनोज पासी पर हुए हमले के आरोपों के बारे में पूछा गया तो एसीपी ने कहा कि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।मारपीट की यह घटना बुधवार रात को हुई।बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष मनोज पासी ने आरोप लगाया है कि एसएचओ उपेंद्र प्रताप सिंह और छह अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें बुरी तरह पीटा। यह घटना उस वक्त हुई जब वह अपने भाई के घर पर किए जा रहे एक निर्माण कार्य को रोके जाने के बारे में पूछताछ करने पुलिस थाने गए थे।घटना की जानकारी मिलने पर बीजेपी के तमाम प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, विधायक और तमाम नेता पुलिस स्टेशन पहुंचे और उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। प्रयागराज के डीसीपी (सिटी) अभिषेक भारती ने तीन सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। एसएचओ के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।मनोज पासी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनके भाई रोशन लाल ने चार साल पहले उनके घर के पास एक जमीन खरीदी थी और वह अपनी बाउंड्री वॉल का काम करा रहे थे। एक पड़ोसी ने इसका विरोध किया और पुलिस में शिकायत कर दी।मनोज पासी ने बताया, “पुलिस वाले आए, उन्होंने बाउंड्री वॉल का काम रोक दिया और मुझसे बदसलूकी की। उन्होंने कहा कि यह मामला राजस्व से जुड़ा हुआ है। मैंने उनसे पूछा कि वे मुझसे गाली- गलौज क्यों कर रहे हैं। एसएचओ उपेंद्र प्रताप सिंह, सब-इंस्पेक्टर संतोष सिंह और चार अन्य पुलिसकर्मी मुझे पुलिस स्टेशन के एक कमरे में घसीटकर ले गए और बुरी तरह पीटा। इससे मैं बेहोश हो गया। होश आने पर कुछ पुलिसवालों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया। मनोज पासी ने बताया कि मारपीट की यह घटना बुधवार रात को हुई।”मनोज पासी ने कहा कि मारपीट की शिकायत लेकर वह डीसीपी अभिषेक भारती के पास गए थे लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है लेकिन एसएचओ के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि डीसीपी ने बताया है कि महाकुंभ की ड्यूटी के कारण एसएचओ को नहीं हटाया जा रहा है।प्रदेश बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया ने हमले की निंदा की है। रामचंद्र कनौजिया ने कहा कि मनोज पासी ने कोई अपराध नहीं किया था लेकिन उसे जैसे पीटा गया वैसा व्यवहार एक कुख्यात अपराधी के साथ भी नहीं किया जाता। मनोज बुरी तरह घायल हो गया और वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था।” मनोज पासी की पत्नी सन्नो देवी ने भी पुलिसकर्मियों पर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पत्नी के मुताबिक, एक सब- इंस्पेक्टर विपिन यादव ने उनका हाथ मरोड़ दिया, मोबाइल फोन छीन लिया और गालियां दी।