आईटीएम गीडा के छात्रों ने बनाया सोलर एंटी-पॉल्यूशन रोड डिवाइडर
आईटीएम गीडा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एआई तकनीक से सोलर एंटी-पॉल्यूशन रोड डिवाइडर बनाया, जो हवा को शुद्ध करने और दुर्घटना के समय स्वतः एम्बुलेंस बुलाने में सक्षम है।
गोरखपुर। आईटीएम गीडा इंजीनियरिंग कॉलेज के बी.टेक (इलेक्ट्रॉनिक्स) द्वितीय वर्ष के तीन प्रतिभाशाली छात्रों — दीपा पांडेय, आलोक त्रिपाठी और अदनान खान — ने बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक आधारित सोलर एंटी-पॉल्यूशन रोड डिवाइडर तैयार किया है। यह डिवाइडर हवा को शुद्ध करने के साथ-साथ सड़क दुर्घटना की स्थिति में एम्बुलेंस को स्वतः कॉल करने की क्षमता रखता है।
छात्रा दीपा पांडेय ने बताया कि इस डिवाइडर में एक इमरजेंसी बटन लगा है जो दुर्घटना के समय तुरंत मदद बुलाने में सक्षम है। वहीं आलोक त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली सहित कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक स्तर पर है, इसलिए इसे सौर ऊर्जा से चलने योग्य बनाया गया है ताकि यह बिना बिजली के भी प्रदूषित हवा को शुद्ध कर सके।
इस नवाचार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे रद्दी प्लास्टिक से तैयार किया गया है। इसके अंदर नैनो एग्जॉस्ट फैन (DC 3000 RPM) लगाए गए हैं, जो 6 वोल्ट सोलर करंट से चलते हैं। ये फैन प्रदूषित हवा को अंदर खींचकर फिल्टर करते हैं और शुद्ध हवा को बाहर निकालते हैं।
अदनान खान ने बताया कि डिवाइडर के भीतर पानी और सैनिटाइज़र फिल्टर का उपयोग किया गया है, जो हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों और बैक्टीरिया को समाप्त करता है। छात्रों का मानना है कि इस तकनीक से वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुएं का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
संस्थान के निदेशक डॉ. एन. के. सिंह ने छात्रों के इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि “आज देश में बढ़ते वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए यह प्रयास प्रेरणादायक और व्यावहारिक पहल है।”
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में छात्रों को 10 दिन लगे और लगभग ₹40,000 का खर्च आया। इसे 2×4 फाइबर डिवाइडर से बनाया गया है, जिसमें 5 लीटर पानी, एयर फिल्टर, 6 वोल्ट सोलर प्लेट, बैटरी और नैनो एग्जॉस्ट फैन का उपयोग किया गया है।