भागवत कथा में बताई जीने की कला, समापन हुआ भंडारा
निष्पक्ष जन अवलोकन
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निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रशांत जैन। बिल्सी(बदायूँ)। तहसील क्षेत्र के गांव बांस बरोलिया में पिछले सात दिनों से चल रही श्रीमद्भागवत कथा का बुधवार को समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन वृंदावन से आए कथावाचक विश्वामित्र महाराज ने कथा का सारांश कह जीवन को जीने की कला भी समझाई। उन्होंने बताया कि मनुष्य का जीवन कई योनियों के बाद मिलता है। इसे कैसे जीना चाहिए, यह भी समझाया। उन्होंने सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाया। कृष्ण और सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा का उद्धार किया। मित्रता निभाते हुए सुदामा की स्थिति को सुधारा। कथा में गौ वध का विरोध और गौ सेवा करने पर भी जोर दिया। कथा के समापन पर हवन और फिर प्रसाद वितरित किया गया। यहां पहुंची भाजपा नेत्री एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य ममता शाक्य ने यहां कन्याओं को सहभोज कराकर भंडारे का शुभांरभ कराया। इसके बाद सभी ने भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया। इसको सफल बनाने में अनमोल शंखधार, अर्जुन सिंह, वीरपाल सिंह, गजेंद्र सिंह तोमर, शिव गौड़, रामेश्वर शाक्य, सुनील शाक्य, पीडी सिंह, भगवान सिंह, अजीत सिंह, सिंटू दीक्षित, देवेंद्र सिंह तोमर, ओंकार सिंह तोमर, रामप्रकाश शर्मा, वरुण, दीपक भाटी, कुलदीप सिंह सिकरवार, सुरजीत सिंह आदि मौजूद का विशेष सहयोग रहा।