मुस्करा के ऐतिहासिक जवारा मेले में उमड़ी भीड़

मुस्करा के ऐतिहासिक जवारा मेले में उमड़ी भीड़

निष्पक्ष जन अवलोकन अनिल खटीक मुस्करा (हमीरपुर) मुस्करा कस्बे का प्रसिद्ध जवारा मेले की शोभायात्रा आज शनिवार को निकाली गई। इसके साथ ही एक सप्ताह तक लगने वाले मेले का भी शुभारंभ हो जाएगा। कस्बे का वर्षों पुराना ऐतिहासिक जवारा मेले का जुलूस बड़े धूमधाम के साथ निकाला गया। जुलुस में हजारों की संख्या में भीड़ मौजूद रही। भक्तों ने कालिका देवी के मंदिर में माथा टेककर मन्नतें मांगी। जवारा मेला में शामिल हुए हजारों भक्त, हाथी-घोड़े आकर्षण झंडा भेंटकर भक्तों ने साग धारण किया, अचरी का मजा लिया गया । मुस्करा में 75 वर्षों पूर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन जवारे निकलने की परम्परा की शुरुआत हुई थी। शनिवार के दिन जवारा जुलूस दिन दो बजे विश्राम कुशवाहा व त्रिभुवन राजपूत के दिवालों से प्रारम्भ हुआ। इसके बाद जुलूस ने चाई महतो की अथाई में पहुंचकर वृहद रूप ले लिया। यहां से हाथी, घोड़े, बैंडबाजे, डीजे, स्कूली झांकियां आदि जुलूस में शामिल होकर पूरे दमखम के साथ पुरवा मोहाल में अमरचंद्र की अस्थाई से होते हुए पंचायतघर होते हुए शीतला देवी मंदिर में पहुंचा। जहां पान बतासा चढ़ाते हुए चार थोक मुहाल में बड़ा दिवाला रामजानकी मंदिर में माथा टेककर गुदरिया बाबा में झण्डा भेंटकर भक्तों को साग धारण कराई गई। इस दौरान देवी भक्त अचरी व भजन का आनंद लेते रहे। यहां से जवारा जुलुस अपने पूरे रंग में आकर डाकखाना तिराहे के रास्ते मस्जिद तिराहे होते हुए राठ हमीरपुर मेन सड़क में आ गया। जवारा जुलूस में सबसे आगे हाथी, बुल्डोजर, एक सैकड़ा से अधिक घोड़े, ऊंट, बहरूपिया पार्टियां, विद्यालयों की झांकियां आदि साथ रही। इसके बाद बस स्टैंड तिराहे हाथी और बुल्डोजर में सवार होकर लाखो की भीड़ के बीच बर्तनों को लुटाया गया। जिसको पाने के लिए लोगो में अफरातफरी का माहौल बना रहा। यहां पर भीड़ को संभालने में पुलिस बल व स्थानीय स्वयंसेवकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। प्रभारी निरीक्षक योगेश तिवारी ने बताया कि एक प्लाटून पीएसी बल, दमकल वाहन, डाक्टरों की टीम के साथ क्षेत्रीय थानों से भारी संख्या में पुलिस बल जुलूस को संपन्न कराने के लिए जगह जगह पर मुस्तैद रहे। सांग धारण किये एक सैकड़ा से अधिक भक्त एक कुंतल से अधिक भारी सागों को लेकर घूमते हुए चक्कर लगाकर मां जालपा दे मंदिर में माथा टेककर अंत में कालिका देवी के मंदिर में जुलूस का समापन हुआ। सैकड़ो की संख्या में महिलाओं ने अपने सर के ऊपर खप्पर में जवारा रखकर मंदिर में विसर्जन किया। वहीं ग्राम प्रधान महेंद्र प्रताप उर्फ बबलू अहिरवार की ओर से जगह जगह पर पेयजल के लिए टैंकर की व्यवस्था की गई। शनिवार व 13 अप्रैल की रात्रि में कालिका देवी मंदिर प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन है।