धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों नियम विरूद्ध उपयोग की जॉच हेतु उड़नदस्ता दल गठित कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने किया दल गठित

धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों नियम विरूद्ध उपयोग की जॉच हेतु उड़नदस्ता दल गठित कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने किया दल गठित

निष्पक्ष जन अवलोकन! सोनू वर्मा! सिंगरौली /शासन के निर्देशानुसार किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डीजे) आदि का उपयोग किया जा सकेगा। राज्य शासन निर्देशानुसार ध्वनि प्रदूषण तथा लाउड स्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जाँच के लिये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री चन्द्रशेखर शुक्ला के उड़दस्ता दल गठित किया गया है। जारी आदेश में उड़नदस्ता दल को निर्देशित किया गया है कि उड़नदस्ते द्वारा नियमित एवं आकस्मिक रूप से निर्धारित उपकरणों के साथ ऐसे धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थानों का औचक निरीक्षण, जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता हो तथा प्राप्त शिकायतों की आकस्मिक जांच की जावे तथा नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जावे। साथ ही उड़नदस्ते द्वारा जॉच के निर्देश प्राप्त होने पर तत्काल जॉच कर अधिकतम 3 दिवसों के अंदर समुचित जॉच प्रतिवेदन संबंधित सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रकरण में आगामी कार्यवाही हेतु प्रस्तुत किया जाये। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी सिंगरौली को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी एवं “समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेटों“ को उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत “सक्षम प्राधिकारी“ घोषित किया जाता है। समस्त सक्षम प्राधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि समस्त सक्षम प्राधिकारी उनके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत गठित उड़नदस्ता दलों के कार्यों की सतत् मॉनीटरिंग करेंगे एवं दल के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पर त्वरित कार्यवाही करते हुये मासिक जानकारी जिला स्तर पर नोडल अधिकारी अपर जिला दण्डाधिकारी सिंगरौली के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। साथ ही संकलित साक्ष्य एवं उड़नदस्ते द्वारा की गई प्रारम्भिक जांच प्रतिवेदन एवं उपलब्ध तथ्यों के आधार पर समुचित प्राधिकारी नियमों के उल्लंघनकर्ता प्रबंधक ,संबंधित व्यक्ति को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करने हेतु विधिवत नोटिस जारी कर सुनवाई करेंगे एवं नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। तथा प्रकरण में सुनवाई का अवसर प्रदान किये जाने के उपरांत प्राधिकारी मजिस्ट्रेट आवश्यक धारा 133, दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की कार्यवाही, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही तथा मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही सनिश्चित की जायेगी।