अंधेरगर्दी की हद ! पात्र हुए अपात्र,अपात्र बन गए सत्पात्र पर जिम्मेदार मौन

निष्पक्ष जन अवलोकन विजय शुक्ला

प्रयागराज ।। यमुनानगर बारा: तहसील अंतर्गत कई गांवों में अंत्योदय कार्ड धारक ऐसे लोग भी हैं,जिनके पास खुद का पक्का मकान, कई बीघे खेत भी है, और लाखों रुपए का धान बेचते हैं।ऐसे लोगों के नाम पर अंत्योदय कार्ड बना हुआ है।सरकार की सारी फ्री योजना का ऐसे लोग पूरा लाभ उठा रहे है।किसी ने तो अपनी बहू के नाम पर,तो किसी ने अपने नाम बनवा रखा है।ऐसे कार्ड धारकों की आज तक जांच नही हुई।ज्यादातर इनके ऊपर रहम कोटेदार की होती है।वह भी क्या करे,ठहरे गांव के लोग , वह क्यों किसी से बुराई ले। इसकी शिकायत कई बार तहसील में सप्लाई विभाग में हुई,लेकिन जांच के नाम पर कभी हल्का लेखपाल के जिम्मे तो कभी पंचायत सचिव के जिम्मे पर ठीकरा फोड़ते रहे।वर्षों से आज तक इनकी जांच नही हो सकी है।नई यूनिट जोड़ते समय श्रम कार्ड होना इस समय अनिवार्य है। जिससे गरीब सप्लाई विभाग का चक्कर लगा रहे हैं। जबकि खेतिहर पक्का मकान वालों की आज तक जांच तक नही हुई है।क्षेत्र के गोबरा तरहार, घूरी, महेरा,मझियारी, बेलामुण्डी, लालापुर, भटपुरा, मन्दुरी,अमिलिया, कचरा,बसहरा, चिल्ला गौहानी,सुजौना,गोइसरा, आदि गांवों में अभी भी अपात्र अंत्योदय कार्ड का सरकार की दी गई गरीबों की सुविधा का पूरा लाभ उठा रहे है।