धराशायी हुए ट्री गार्ड, पौधों को पेड़ बनना हकीकत से कोसो दूर

धराशायी हुए ट्री गार्ड, पौधों को पेड़ बनना हकीकत से कोसो दूर

निष्पक्ष जन अवलोकन 

रामनारायन 

कुशीनगर। प्रतिवर्ष शासन स्तर से लाखों रुपये के पौधरोपण के नाम पर खर्च किए जाते हैं। इसके लिए ट्री गार्ड भी लगाने का मानक है। बीते वर्ष पेड़ भी लगे और ट्री गार्ड भी लगाये गये। 

यूं तो वन विभाग के द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक बर्ष अभियान चलाकर बृक्षारोपण किया जाता है। परन्तु लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी पौधों का संरक्षण न होने से धरती को हरियाली बनाने के सपने चकनाचूर होते नजर आ रहे हैं। लगाने में देर भले ही हो पर इन पौधों को सूखने में देर नहीं लगता।

जिसका नमूना नेबुआ नौरंगिया बिकास खंड के खैरटिया शीतलापुर सिंचाई विभाग में वन विभाग पौधशाला के समीप नौरंगिया कप्तानगंज मार्ग के दोनों तरफ गीरा ट्री गार्ड देखने को मिल सकता है। 

पौधौ के रखवाली में लगे ट्री गार्ड जगह जगह गिरे हुवे पड़े हैं। जिसमें लगे पौधे सूख चुके हैं।

जो ट्री गार्ड खड़ा भी है तो पौधों के उपर झाड़ झंखाड़ चढ़कर लपेटे हुए हैं, जिससे ट्रीगार्ड तो दिखते नहीं इसमें लगे हुए पौधे हैं भी नहीं कहा नहीं जा सकता।

वन विभाग पौधशाला के समीप इस तरह विभाग के लोगों की नजरें है तो अन्य जगहो पर पौधारोपण किये हुए पौधों की हालत क्या होगी कहा नहीं जा सकता।

इस सम्बन्ध में खड्डा रेन्जर अमृता सिंह ने बताया कि जांच के बाद पौधे लगवाकर‌ उसे ठीक करा दिया जाएगा।