भाजपा का फेर बदल अनु श्रीवास्तव को फतेहपुर का नवयुक्त जिला अध्यक्ष बनाया गया

भाजपा का फेर बदल अनु श्रीवास्तव को फतेहपुर का नवयुक्त जिला अध्यक्ष बनाया गया

त्याग, संघर्ष और परिश्रम का नाम है अन्नू श्रीवास्तव, भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को फतेहपुर में पुनः खड़ा करना होगी चुनौती...!

भाजपा में कायस्थ समाज से पहले जिलाध्यक्ष, छात्र राजनीति से लेकर लगातार संघ विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए पहचाने जाते हैं श्रीवास्तव..!

निष्पक्ष जन अवलोकन 

दिव्यांश प्रताप सिंह 

फतेहपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अन्नू श्रीवास्तव को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। यह पहला अवसर है जब कायस्थ समाज से कोई व्यक्ति भाजपा का जिलाध्यक्ष बना है। इस नियुक्ति को पार्टी में कैडर आधारित राजनीति की वापसी के रूप में देखा जा रहा है।श्रीवास्तव के सामने अब संगठन की व्यवस्था को पटरी पर लाने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्हें आगामी पंचायत चुनाव और मिशन 2027 के लिए निष्क्रिय हो चुके कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर उनमें नई ऊर्जा भरनी होगी।अन्नू श्रीवास्तव ने लगभग साढ़े तीन दशक पहले छात्र राजनीति (एबीवीपी) से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। वर्तमान में वे भाजपा के राजनीतिक प्रतिपुष्टि एवं प्रतिक्रिया विभाग के प्रदेश संयोजक हैं। इससे पहले वे जिला संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहने के साथ-साथ पार्टी के बांदा प्रभारी और कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के मंत्री भी रह चुके हैं। संगठन में उनके अनुभव को देखते हुए पार्टी के जानकार उन्हें 'चाणक्य' की पदवी से भी नवाजते हैं।वर्ष 1980 में भाजपा के अस्तित्व में आने के बाद से फतेहपुर जिले में 18 बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। जिलाध्यक्षों की सूची पर गौर करें तो 12 बार ब्राह्मण चेहरे को कमान सौंपी गई, जबकि यह छठवीं बार है जब गैर-ब्राह्मण जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इनमें तीन बार पिछड़े वर्ग से, एक बार क्षत्रिय, एक बार दलित और अब पहली बार कायस्थ समाज को जिला नेतृत्व संभालने का अवसर मिला है।भाजपा के जिन छह गैर-ब्राह्मण जिलाध्यक्षों में से तीन - करन सिंह पटेल, कृष्णा पासवान और रणवेंद्र प्रताप उर्फ धुन्नी सिंह - को आगे चलकर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया था। तीनों ने चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। कृष्णा पासवान वर्तमान में भी विधायक हैं।भाजपा से यहां सर्वप्रथम स्व. सर्वदानंद शास्त्री जिलाध्यक्ष हुए, उसके बाद पूर्व विधायक स्व. महेन्द्रनाथ बाजपेई, फिर अमरनाथ चौरसिया, स्व. श्रीधर शुक्ला वैद्यजी, स्व. उमा शंकर त्रिपाठी, स्व. हरि नारायण दुबे उर्फ नन्दन बाबू, मनोज शुक्ला, स्व. उमा शंकर त्रिपाठी (दूसरी बार), रमाकान्त त्रिपाठी, करन सिंह पटेल, कृष्णा पासवान, प्रभुदत्त दीक्षित, रणवेंद्र प्रताप उर्फ धुन्नी सिंह, दिनेश बाजपेई, प्रमोद द्विवेदी, आशीष मिश्रा, मुखलाल पाल और अब अन्नू श्रीवास्तव को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। ग़ौरतलब है कि समयावधि के लिहाज़ से आशीष मिश्रा का कार्यकाल सबसे बड़ा 03 वर्ष 09 माह का रहा, जबकि मनोज शुक्ला अकेले ऐसे हैं जो लगातार दो बार जिलाध्यक्ष रहे, जबकि उमाशंकर त्रिपाठी दो बार जिलाध्यक्ष तो रहे, किन्तु लगातार नहीं। इसके अतिरिक्त मनोज शुक्ला और आशीष मिश्रा के अलावा अन्य जिलाध्यक्ष अपना कार्यकाल पूर्ण नहीं कर सका।