महाशिवरात्रि पर महादेव के इस मंदिर का करें दर्शन, जानिए इस शिव मंदिर के चमत्कारी किस्से
महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी 2025 के मौके पर किसी प्रसिद्ध और चमत्कारी शिव मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं, तो आप यूपी में मौजूद बटेश्वर धाम मंदिर जा सकते हैं। चलिए इसके बारे में आपको बताते हैं।
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शिवभक्तों को महाशिवरात्रि पर्व का लंबे समय से इंतजार रहता है। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी 2025 को है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। अगर आप महाशिवरात्रि के पर्व के दौरान किसी चमत्कारी शिव मंदिर का दर्शन करना चाहते है, जिसकी अपनी कई प्राचीन मान्यताएं और रोचक कहानियां भी है। इस आर्टिकल में हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां आप जरुर जाएं।
कहां है बटेश्वर धाम मंदिर?
बटेश्वर धाम मंदिर, एक ऐसा मंदिर हैं, जो कई सौ साल पुराना है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बटेश्वर महादेव मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों के द्वारा इस मंदिर में कांवड चढ़ाई गई थी। इसलिए महाभारत काल से अब तक यह परंपरा चल रही है। बटेश्वर धाम एक चमत्कारी शिव मंदिर है। बता दें कि, भगवान शंकर का शिवलिंग यहां स्वयं प्रकट हुआ था। इस शिव मंदिर की काफी मान्यता है। भक्तों का मानना है कि भगवान शिव के मात्र दर्शन से आपकी सभी मनोकामना पूरी होने के साथ सभी परेशानियां दूर करते हैं।
इस मंदिर में सेठ-सेठानी की मुद्रा में शिव-पार्वती
इतना ही नहीं, यह 101 मंदिरों की शिव श्रृंखला वाला अनोखा शिव मंदिर है। इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा शिव-पार्वती सेठ-सेठानी की मुद्रा में बैठे मिल जाएंगे। इस तरह की मूर्ति पूरी दुनिया में नहीं है। इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। इसके अलावा, इस मंदिर का निर्माण राजा बदन सिंह भदौरिया द्वारा कराया गया था।
बटेश्वर मंदिर से जुड़े दिलचस्प किस्से
- मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की उत्पति आज से हजारों साल पहले पुराने बरगद के वृक्ष के बीच से हुई थी।
- जानकारी के मुताबिक, फेमस डाकू पान सिंह तोमर को जब भी डकैती में सफलता मिलती थी तो वो इसी मंदिर में घंटा चढ़ाते थे। ऐसे में इस मंदिर में आपको खूब सारे घंटे जंजीरों से बंधे दिख जाएंगे। भक्त लोग अपने मान्यता पूरी होने के बाद यहां घंटा जरुर चढ़ाते हैं।
- इतना ही नहीं, इस मंदिर में यमुना नहीं उलटी बहती है। यानि बटेश्वर धाम में यमुना पूरब से पश्चिम दिशा की ओर बहकर मंदिर का चक्कर लगाती है।
- इस मंदिर में सबसे ज्यादा शिवलिंग है।
- इस मंदिर को लेकर एक रोचक कहानी यह है कि यहां स्थित शिवलिंग को चाहे जितने भी चावलों से ढका जाए, फिर भी वे पूरी तरह नहीं ढकता।
महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है। हर साल यहां पर अक्टूबर और नवंबर महीने में पशु मेला लगता है। बटेश्वर का मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है। इसके अलावा, आप मंदिर के पास स्थित नदी में आप नाव की सवारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं।