भागवत कथा के अंतिम दिन बताई जीवन जीने की कला

निष्पक्ष जन अवलोकन

भागवत कथा के अंतिम दिन बताई जीवन जीने की कला

निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रशांत जैन। बिल्सी(बदायूँ)। तहसील क्षेत्र के गांव धनौली में ग्राम देवता मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा का आज समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन साध्वी सरिता किशोरी ने कथा का सारांश कह जीवन को जीने की कला भी समझाई। उन्होंने बताया कि मनुष्य का जीवन कई योनियों के बाद मिलता है। इसे कैसे जीना चाहिए, यह भी समझाया। कथावाचक ने सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाया। कृष्ण और सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा का उद्धार किया। मित्रता निभाते हुए सुदामा की स्थिति को सुधारा। गौ वध का विरोध और गौ सेवा करने पर भी जोर दिया। कथा समापन कार्यक्रम के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर मालूराम शास्त्री, पप्पू बाल्मीकि, होतेलाल, राजेश कुमार फौजी, वीरेश कुमार सिंह, हेमराज सिंह, रवेंद्र सिंह, श्रीओम शर्मा, रामपाल शाक्य, राकेश शाक्य, पुष्पेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।