कृषि विज्ञान केन्द्र, ललितपुर में प्राकृतिक खेती विषय पर हुआ 21 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

कृषि विज्ञान केन्द्र, ललितपुर में प्राकृतिक खेती विषय पर हुआ 21 दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

निष्पक्ष जन अवलोकन । अखिलेश कुमार ललितपुर। कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा के अन्तर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, ललितपुर द्वारा केंद्राध्यक्ष डॉ0 मुकेश चंद के नेतृत्व में 24 ग्रामीण नवयुवाओं के स्वरोजगार हेतु “प्राकृतिक खेती” विषय पर 21 दिवसीय (दिनांक 07 जनवरी से 27 जनवरी 2025 तक) प्रशिक्षण का सफल आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, ललितपुर के डॉ0 दिनेश तिवारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ-सस्य विज्ञान/प्रशिक्षण प्रभारी ने बताया कि इस समय प्राकृतिक खेती केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की फ्लैगशिप प्रोग्राम है। जिला ललितपुर में प्राकृतिक खेती की आवश्यकता को देखते हुए और प्राकृतिक खेती सही ढंग से बढ़ावा देने के लिए और ग्रामीण युवाओं के स्वरोजगार स्थापना हेतु प्राकृतिक खेती विषय पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ0 तिवारी ने प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले कृषि निवेश जैसे बीज शोधन हेतु बीजमृत, मृदा और फसलों में पोषक तत्वों के प्रबंधन हेतु जीवामृत और घनजीवामृत, खरपतवार नियंत्रण हेतु मल्च, कीट नियंत्रण हेतु नीमस्त्र और दशपर्णी अर्क और बीमारियों के नियंत्रण हेतु छांछ से बना प्राकृतिक कवकनाशक और सोठास्त्र के महत्व, बनाने की विधि और कृषि में प्रयोग पर व्याख्यान के साथ ही साथ प्रयोगात्मक रूप से बनवाकर फसल में प्रयोग भी कराया गया। केन्द्र के पशु पालन विशेषज्ञ डॉ0 अनुज कुमार गौतम ने प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले कृषि निवेश के बनाने में देशी गाय की गोबर और मूत्र के उपयोगिता, संरक्षण और इसका प्रयोग के बारे में तकनीकी जानकारी दी गई। डॉ0 गौतम ने बताया कि देशी नस्ल की गाय जैसे गिरी, थारपारकर, केनकथा बुंदेलखंड में उपलब्धता के आधार पर दूध, दही, घी, खाद प्राप्त करने के साथ ही साथ प्राकृतिक खेती में प्रयोग होने वाले उच्च गुणवत्ता वाला कृषि निवेश भी बनाया जा सकता है। केंद्राध्यक्ष डॉ0 मुकेश चंद ने जिला ललितपुर में प्राकृतिक खेती की आवश्यकता, मृदा में ऑर्गेनिक कार्बन, ऑर्गेनिक मैटर, ह्यूमस के बनाने में लाभदायक सूक्ष्म जीवों के महत्व, उत्पाद के प्रमाणीकरण, सरंक्षण, विपणन आदि पर व्याख्यान दिया गया। ग्रामीण बेरोजगार युवा केन्द्र से प्राकृतिक खेती पर स्किल ओरिएंटेड तकनीकी जानकारी प्राप्त करने के उपरान्त एक स्वरोजगार स्थापित करके अपनी आय का माध्यम बनाकर दूसरे कृषक बंधु को भी मूल्य आधार पर गुणवत्तायुक्त कृषि निवेश भी उपलब्ध करा सकते हैं। प्रशिक्षित ग्रामीण युवक दूसरे इच्छुक कृषकों को भी प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित कर सकते हैं। देश में बड़े स्तर पर नैशनल मिशन ऑन नेचुरल फॉर्मिंग भी संचालित किया जा रहा है, इसमें जिला ललितपुर भी शामिल है। आने वाले समय में जनपद में प्राकृतिक खेती योजना के सही ढंग से संचालन में कृषि विज्ञान केन्द्र, ललितपुर से प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त इन ग्रामीण युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर और चार साल से प्राकृतिक खेती कर रहे प्रगतिशील कृषक श्री राम स्वरूप निरंजन, ग्राम- मिर्चवारी (जखौरा) द्वारा जनपद में प्राकृतिक खेती की संभावना पर अपने अनुभव साझा किया गये। प्रशिक्षण में चार विकासखंड के 13 ग्रामों के 24 ग्रामीण नवयुवाओं जैसे श्रीराम, श्री अरविन्द राजपूत, श्री खेमचन्द्र, श्री राजीव कुमार, श्री दिलीप कुमार इत्यादि ने प्रतिभाग किया।