जिला गंगा एवं पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न डीएम ने दिए स्वच्छता वा प्लास्टिक नियंत्रण के सख्त निर्देश

जिला गंगा एवं पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न डीएम ने दिए स्वच्छता वा प्लास्टिक नियंत्रण के सख्त निर्देश

जिला गंगा एवं पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न, डीएम ने दिए स्वच्छता व प्लास्टिक नियंत्रण के सख्त निर्देश

 सभी ग्राम पंचायतों में ग्रीन चौपाल आयोजित किए जाएंगे- ई-वेस्ट, जैव चिकित्सा अपशिष्ट और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की हुई विस्तृत समीक्षा

निष्पक्ष जन अवलोकन 

दिव्यांश प्रताप सिंह 

फतेहपुर। जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में जिला गंगा समिति एवं जिला पर्यावरण समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में गंगा सफाई, पर्यावरण संरक्षण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक नियंत्रण से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा की गई।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी नियमित घाटों की नियमित साफ-सफाई कराई जाए तथा कूड़ा उठान सुचारु रूप से हो। घाटों पर प्रकाश व्यवस्था, शौचालय की कार्यशीलता और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक घाट का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कार्य कराएं और रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। उन्होंने विकास खण्ड देवमई व विजयीपुर में स्थापित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट के प्रभावी संचालन पर विशेष जोर देते हुए यूनिट से प्राप्त आय की रिपोर्ट भी साझा करने को कहा। ग्राम पंचायतों में ग्रीन चौपाल आयोजित करने के निर्देश दिए गए, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, गंगा स्वच्छता और जैविक खेती को बढ़ावा देना है। बैठक में जैव चिकित्सा अपशिष्ट, ई-वेस्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक जैसे विषयों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सिंगल यूज प्लास्टिक की जब्तीकरण की कार्रवाई को नियमित और संवेदनशीलता के साथ करने के निर्देश दिए। व्यापारियों और दुकानदारों को जूट व कपड़े के बैग का उपयोग बढ़ाने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया गया। उन्होंने सभी नगर निकायों को निर्देशित किया कि प्रत्येक वार्ड से नियमित कूड़ा उठान हो रहा है, इसका प्रमाण पत्र संबंधित सभासद से लिया जाए। साथ ही तालाबों और पोखरों के सुंदरीकरण के प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश भी दिए गए। आगामी वर्षा काल में पौधरोपण हेतु भूमि चिह्नित करने और लगाए गए पौधों के सर्वाइवल की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा गया।जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य संस्थाओं से निकलने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट के सही निस्तारण पर विशेष जोर देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि मेडिकल वेस्ट प्रबंधन सुनिश्चित करें तथा इस बिंदु को डीएचएस बैठक में शामिल करें। ग्रामीण क्षेत्रों में घर—घर कूड़ा उठान की गति बढ़ाने, सभी आरआरसी सेंटरों को सक्रिय करने और कूड़े के निस्तारण से होने वाली आय को ग्राम पंचायत के खातों में जमा करने के निर्देश भी दिए गए।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना, अपर जिलाधिकारी न्यायिक सुनील कुमार, जिला विकास अधिकारी, डीएफओ, डीसी मनरेगा, जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, नामित सदस्य/संयोजक नमामि गंगे शैलेन्द्र शरण सिंपल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।