गांव से स्कूल और स्कूल से कालेज के बाद भारतीय सेना मे चयन होने पर/माता-पिता के ख़ुशी के आंसू अपने लाल के लिए छलक पड़े

गांव से स्कूल और स्कूल से कालेज के बाद भारतीय सेना मे चयन होने पर/माता-पिता के ख़ुशी के आंसू अपने लाल के लिए छलक पड़े

निष्पक्ष जन अवलोकन/मोहम्मद फैसल सिद्दीकी/फतेहपुर बाराबंकी। फतेहपुर के एक किसान के बेटे की मेहनत रंग लाइ अपनी लगन और संकल्प से भारतीय सेना मे सिपाही बनकर सफलता हासिल करते हुए अपने गांव और जिला का नाम रोशन कर दिया। सिहाली गांव के ए मामूली किसान धर्मराज का बेटा आर्थिक तंगी के बीच आकाश ने अपनी शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से मैट्रिक और बी पी शुक्ला इंटर कालेज त्रिलोकपुर से इंटरमीडिएट तक पूरी की। कठिन से कठिन परिस्थितियों मे भी हार नहीं मानी ना ही कभी पीछे हटा अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन रात एक कर अजीज मऊ स्थिति आकांक्षा कोचिंग सेंटर मे भारतीय सेना की तैयारी मे लगा रहा आखिरकार सफलता कदम चूमती नजर आई। भारतीय सेना मे चयन के बाद आकाश के ग्वालियर सैन्य अकादमी मे 6 महीने का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। वर्तमान मे उनकी तैनाती पश्चिम बंगाल मे हुई है। पहली बार जब वे सैना की वर्दी मे घर वापस लौटे तो मैता-पिता की आँखे ख़ुशी से नम हो गई। आकाश का मानना है कि एक छोटे से गांव से निकलकर सेना मे सफलता पाना इतना आसान नहीं था। लेकिन जज्बाए हिन्द को दिल मे लिए वतन पर मर मिटने का हो तो सारी मुश्किलें आसान हो जाती है। आकाश के सेना मे चयन होने से युवाओं को अपनी ओर प्रेरित किया है। बल्कि पूरे गांव मे उसकी इस क़ामयाबी से ख़ुशी कि लहर है वही पिता धर्मराज और उनके परिवार को गर्व है कि घर का बेटा अब अपने देश की सेवा के लिए समर्पित है।