ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिये ठगी करने वाले गिरोह का जालौन पुलिस ने किया भांडाफोड़, सात गिरफ्तार

ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिये ठगी करने वाले गिरोह का जालौन पुलिस ने किया भांडाफोड़, सात गिरफ्तार

निष्पक्ष जन अवलोकन। मनीष सिंह जादौन उरई (जालौन)। जालौन (उत्तर प्रदेश)। देश के कई राज्यों में ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिये लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का जालौन पुलिस ने भांडा फोड़ किया है। जालौन साइबर व कोतवाली पुलिस ने एक घर मे छापेमारी कर सात लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल फोन, सिम, एटीएम, चैक बुक, लैपटॉप, पासबुक व नगदी बरामद हुई है। गिरफ्तार किए गए आरोपी यूपी, एमपी व राजस्थान के निवासी हैं जो कि जालौन कस्बे के एक मकान में किराए पर रह रहे थे। जहां से पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि वह क्रिक बज, फेयरप्ले, लोटस आदि एप की आईडी बनाकर लिंक लोगों को भेज देते थे। जिसे क्रोम में ओपन करने पर गेम खिलाते थे। फिर पैसे डबल करने का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेते थे और उनके संग ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। लोगों को वह लोन दिलाने का लालच देकर फर्जी खाते खुलवाते थे जिनसे ठगी करते थे। वहीं जिन राज्यों के शहरों में उनके खिलाफ मामले दर्ज होते थे तो वह ठिकाने बदल देते थे। गिरफ्तार आरोपियों पर देश के कई राज्यो में ठगी के मामले दर्ज हैं। जिसके बाद उन्होंने अपना ठिकाना जालौन कस्बे के एक किराए के मकान को बनाया था। जालौन की साइबर थाना पुलिस को ठगी की शिकायतें मिलीं जिसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने जालौन कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर उक्त मकान में छापेमारी की और आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस ने विश्वजीत दांगी, कपिल सेन, दीपक बघेल, उपहार श्रीवास्तव, सुनील जादौन, हर्ष गुप्ता और धर्मेन्द्र सिंह जादौन को गिरफ्तार किया है।जिनके कब्जे से 2 लैपटॉप, 133 एटीएम कार्ड, 104 बैंक पासबुक, 11 चैक बुक, 8 सिम कार्ड, 32 मोबाईल फोन, 14 क्यू आर कोड और 74,500 रुपए नगद बरामद किए गए। पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गेश कुमार ने बताया कि यह सभी आरोपी सिग्नल अप के जरिए एक प्लेटफार्म के तहत लोगों से उनकी इनफॉरमेशन से जुड़ते थे। फिर उन्हें अपने ग्रुप में जोड़कर उनको कॉइन के जरिए इन्वेस्ट कराकर डबल मनी करने का झांसा देते थे। ठगों ने पूछताछ के जरिए बताया कि वह क्रिकबज फेयर प्ले और लोटस अप का इस्तेमाल कर ऑनलाइन आईडी बनाकर ग्राहकों को भेज देते थे तथा गूगल क्रोम में लिंक ओपन कर उनसे गेम खिलाने और पैसा डबल करने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करते थे और पुलिस जब तक उन तक पहुंचती वह है खाता बंद कर देते थे। इनके आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है।