शिव शक्ति के संयोग से ही सृष्टि, कल्याण स्वरूपा बनी है

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शिव शक्ति के संयोग से ही सृष्टि, कल्याण स्वरूपा बनी है

बिल्सी(बदायूँ):- तहसील क्षेत्र के गांव पिंडौल में प्राथमिक स्कूल के निकट चल रहे पंच कुंडीय रुद्र यज्ञ के तीसरे दिन रुद्र यज्ञ की महिमा बताते हुए आचार्य विष्णु चित ने कहा कि देवाधि देव महादेव के चरित्र से तीन का संयोग जुड़ा है। जो मानव जीवन के लिए व्यापक संदेश है। शिव का त्रिशुल तीन पापों का नाश करने वाला है। वे सत्य ,रज, सम, तीनों गुणों से परे है। माथे पर चंद्रमा धारण करना इस बात का प्रतीक है कि ठंडा दिमाग सदैव आध्यात्मिक उर्जा प्रदान करता है। इससे शांत चित हो मानव आत्मोन्ति करता है। समुंद्र मंथन के दौरान विषपान कर भोले नाथ ने संपूर्ण जगत की रक्षा की और सृष्टि में इस तथ्य को स्थापित किया कि समाज के भलाई के लिए जहर पीने से पीछे नहीं हटना सर्व श्रेष्ठ धर्म है। महादेव के साथ भूत-प्रेत बेताल, निश्चर व देवता सभी जुड़े हैं। जो इस बात का प्रतीक है कि उनके लिए कोई भी गैर नहीं। शिव समदर्शी है। जीवन तत्व के सार है। वे परम कल्याणकारी है। शिव शक्ति के संयोग से ही सृष्टि, कल्याण स्वरूपा बनी है। इस मौके पर अंकित शर्मा, मुनेंद्र शर्मा, महेंद्र शर्मा, राजेश गुप्ता, रमेश चंद शर्मा, अजय पाल शर्मा, मंजू शर्मा, विकास शर्मा, जगमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।