गोवंश को शीतऋतु से बचाने हेतु गौशालाओं में करें पर्याप्त इंतजाम: डीएम

गोचर की भूमि पर हरा चारा उगाने, केटल शेड को तिरपाल से कवर करने व अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश

गोवंश को शीतऋतु से बचाने हेतु गौशालाओं में करें पर्याप्त इंतजाम: डीएम

निर्माणाधीन वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश,

निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने आज बुधवार को कलैकट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक कर निराश्रित गोवंशो का शत प्रतिशत संरक्षण करने, गोचर की भूमि में हरा चारा उत्पादन करने, संरक्षित गोवंशो को ठंड से बचाव हेतु कैटल शेड को तिरपाल कवर करने, अलाव जलाने तथा निर्माणाधीन वृहद गो संरक्षण केन्द्रों कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।_ जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में शीत ऋतु के दृष्टिगत गोवंश को ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त उपाय किये जायें, इसके लिए उन्होंने पंचायती राज विभाग, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी, नगर पंचायत/नगर पालिका परिषद को दिशा-निर्देश जारी किये गए। उन्होंने कहा कि शीत ऋतु के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए गौशालाओं में गोवंश को ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त उपाय किये जाने आवश्यक हैं, जिस हेतु आश्रय स्थलों में त्रिपाल, बोरा, पराली इत्यादी का प्रबंध किया जाये। आश्रय स्थलों में निर्मित शेड को त्रिपाल एवं बोरे आदि से विधिवत कवर करा दिया जाये, जिससे ठण्डी हवाओं से गोवंश को सुरक्षित रखा जा सके। ठंड से बचाव हेतु जूट के बोरे के झूल का उपयोग किया जाये। आवश्यकता पड़ने पर जनपद स्तर विभिन्न संस्थाओं के पास उपलब्ध अनुपयोगी बोरों टाट आदि को गो आश्रय स्थलों को उपलब्ध कराकर प्रयोग में लिया जाये। आश्रय स्थलों की समुचित साफ-सफाई सुनिश्चित करायी जाये। आश्रय स्थलों में पानी, गोवर, गोमूत्र आदि की निकासी की समुचित व्यवस्था की जाये। गो आश्रय स्थलों बिछावन हेतु पराली/लकड़ी का बुरादा, गन्ने की खोई/बगास आदि का प्रयोग किया जाय और समय-समय पर बिछावन को बदला जाना अति आवश्यक है। वृद्ध अशक्त व नवजात गोवंश पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है जिसके लिये विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। निराश्रित गोवंश को ठंड से बचाने हेतु पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार जिसमें प्रचुर मात्रा में कार्बाेहाइड्रेट उपलब्ध हो एवं स्वच्छ ताजा पीने की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। यह सुनिश्चित किया जा कि किसी भी स्थिति में रात्रि में के समय गोवंश खुले स्थान पर न रहे और दिन में गोवंश को पर्याप्त धूप में रखा जाये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी कमलाकांत पाण्डेय, डीसी मनरेगा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 देवेन्द्र पाल सिंह, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी परवेज खान, जिला कृषि रक्षा अधिकारी राजीव कुमार भारती, जिला कार्यक्रम अधिकारी नीरज सिंह सहित समस्त पशु चिकित्साधिकारी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।