सरीला कांड के अपराधियों पर गैंगस्टर कार्यवाही और संलिप्त पुलिस अधिकारियों के निलंबन की मांग को पीड़ित पत्रकार पहुंचे डीजीपी दरबार

सरीला कांड के अपराधियों पर गैंगस्टर कार्यवाही और संलिप्त पुलिस अधिकारियों के निलंबन की मांग को पीड़ित पत्रकार पहुंचे डीजीपी दरबार

निष्पक्ष जन अवलोकन अनिल खटीक हमीरपुर- बीते माह सरीला क्षेत्र के दो पत्रकारों के साथ नगर पंचायत अध्यक्ष सरीला पवन अनुरागी और उनके अपराधी साथियों द्वारा रात्रि में घर में बंद कर तमंचे और बंदूक की नोक पर कई घंटे तक बर्बरता मारपीट और अमानवीय यातनाएं करने के मुद्दे पर विपक्ष सहित तमाम राजनीतिक संगठन के विरोध और चेयरमैन के पार्टी से निष्कासन के बाद हरकत में आए हमीरपुर पुलिस प्रशासन द्वारा कई दिन बाद अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था लेकिन अपराधियों के पूर्व में भी गंभीर अपराध में नामजद होंने और बुंदेलखंड में अपराध का प्रयाय बन चुके बिच्छू गैंग से तार जुड़े होंने के बाद भी स्थानीय पुलिस प्रशासन की उदासीनता और शिथिल कार्यवाही से नाराज पीड़ित दोनों पत्रकारों अमित द्विवेदी और शैलेंद्र मिश्रा ने आज डीजीपी कार्यालय लखनऊ पहुंचकर सभी अपराधियों के गंभीर आपराधिक इतिहास का अवलोकन कर और बिच्छू गैंग से जुड़े इन अपराधियों के संपर्क की जांच कर अपराधियों पर शीघ्र गैंगस्टर की कार्यवाही कराने और सरीला कांड में संलिप्त होकर वायरल वीडियो के साक्ष्य होने के बाद भी अपराधियों से मिलीभगत कर उल्टा पीड़ित पत्रकारों पर ही स्थानीय पुलिस द्वारा दर्ज की गई फर्जी क्रॉस एफ आई आर को निरस्त कराने की गुहार लगाई है पीड़ित पत्रकारों ने बताया कि उन्हें डर है कुछेक पुलिस अधिकारियों को अपराधियों से संलिप्तता होंने के बाद भी बचाया जा रहा है उन्हें व उनके परिवारजनों को इस बिच्छू गैंग के गुर्गों से लगातार खतरा बना हुआ है पीड़ितों ने कहा कि घटना के बाद जो मुकदमा स्थानीय पुलिस ने दर्ज किया वो छोटी धाराओं में किया था जबकि मिलीभगत कर कई घंटे बाद हम पीड़ितों पर भी फर्जी एससीएसटी का मुकदमा अपराधियों से स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के चलते दर्ज किया गया था वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि सत्यता क्या थी और साक्ष्य होने के बाद भी बिना जांच के उल्टा क्रॉस मुकदमा लिखना इस बात का सबूत है कि किस कदर पुलिस के अधिकारी अपराधियों का पक्ष ले रहे थे केवल लाइन हाजिर की कार्यवाही करते हुए थानाध्यक्ष को बचाया जा रहा है विवेचना कर रहे चौकी इंचार्ज से मामले की निष्पक्ष विवेचना की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि अगर सभी अपराधियों की काल डिटेल और चौकी प्रभारी सरीला सहित थानाध्यक्ष भरत कुमार की सीडीआर निकाली जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि अपराधी निरंतर संपर्क में थे और पुलिस की मिलीभगत से ही सरीला कांड हुआ है पीड़ितों ने उन पर दर्ज फर्जी मुकदमा निरस्त कराने सहित सभी अपराधियों पर गैंगस्टर की शीघ्र कार्यवाही करने और दोषी पुलिस अधिकारियों के निलंबन की मांग डीजीपी कार्यालय में की है पीड़ितों ने बताया कि उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया गया है