श्रीराम ने किया ताड़का का वध और आहिल्या का उद्धार
निष्पक्ष जन अवलोकन
बिल्सी(बदायूँ) तहसील क्षेत्र के गांव बेहटा गुंसाई में धर्म जागरण समिति के तत्वावधान में रामलीला मैदान पर मनाए जा रहे श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव के तहत चल रही रामकथा को सुनाते हुए आचार्य दीपक शंखधार ने कहा कि भगवान ने हमेशा ऋषियों की मदद की। जिसके तहत कई राक्षकों का वध किया। उन्होंने कहा कि एक दिन राजा दशरथ के दरबार में विश्वामित्र पहुंचे। उन्होंने राजा दशरथ से ताड़का के आतंक की बात बताते हुए राम-लक्ष्मण को वन ले जाने के लिए मांग लिया। राम-लक्ष्मण वन में असुरों का वध करते हैं और राक्षसी ताड़का को मारकर महर्षि के यज्ञ की रक्षा की। ताड़का वध होते ही पंडाल में उपस्थित राम जी के भक्त प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाते हैं। पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। इसके बाद यहां रास्ते शिला के रुप में स्थापित आहिल्या का भगवान ने उद्धार किया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने भगवान की आरती की गई। इस मौके पर योगेश पुरी, विकास पुरी, अंकित पुरी, सोनू गुप्ता, शिवम गुप्ता, माधव गुरप्ता, कुलदीप पुरी, गोविंद गुप्ता, सुमित गुप्ता, विनीत श्रीवास्तव, सत्यम गुप्ता, अंशुल पुरी आदि मौजूद रहे।