रुद्र यज्ञ में परिक्रमा करने से स्वास्थ लाभ होता है: आचार्य विष्णु चित
निष्पक्ष जन अवलोकन
बिल्सी। क्षेत्र के गांव पिंडौल से प्राथमिक स्कूल के निकट स्थित कथा स्थल पर चल रहे पंच कुंडीय रुद्र यज्ञ के दूसरे दिन रुद्र यज्ञ का महत्व बताते हुए आचार्य विष्णु चित ने कहा कि रुद्र यज्ञ में परिक्रमा करने से स्वास्थ लाभ होता है। उन्होंने बताया की परिक्रमा से रोग बीमारी दूर हो जाती है। जन्मों के पाप कट जाते है। यज्ञ कुंड से हवन का धुआं स्वास प्रणाली से होकर शरीर के अंदर प्रवेश कर बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं का नाश करते है। वहीं आत्मा शुद्ध होती है। उन्होंने कहा कि रुद्र यज्ञ भगवान शिव की पूजा का एक अत्यधिक शक्तिशाली रूप है, जो पूरे विश्व के लिए ब्रह्मांडीय ऊर्जा का स्रोत है। भगवान रुद्र भगवान शिव का एक तूफान अवतार हैं, जो विनाश और असीमित प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं। भगवान शिव सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापी हैं। वे मृत्यु के देवता हैं और असीम क्षमा, दया, करुणा और प्रेम का स्वरूप हैं। शिव का यह रुद्र रूप भक्त को सभी समस्याओं से तत्काल राहत और इच्छाओं की पूर्ति प्रदान करेगा। हम जो दिव्यता के लिए अपने अस्तित्व के ऋणी हैं, उनका निरंतर चिंतन करना और सभी मानव जाति की प्रगति के लिए उनकी कृतज्ञतापूर्वक पूजा करना हमारा कर्तव्य है। इस मौके पर अंकित शर्मा, मुनेंद्र शर्मा, महेंद्र शर्मा, राजेश गुप्ता, रमेश चंद शर्मा, अजय पाल शर्मा, मंजू शर्मा, विकास शर्मा, जगमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।