मनरेगा में मिली छूट पर प्रधान और सचिव मजदूरों की लगा रहें है फर्जी हाजिरी
जिम्मेदार अधिकारियों की सह पर किया जा रहा है मनरेगा में भ्रष्टाचार
निष्पक्ष जन अवलोकन
रामनारायन
कुशीनगर। योगी सरकार एक तरफ जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है वहीं दूसरी तरफ नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के जिम्मेदार अधिकारियों के चलते केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जमीनी धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है। जिसके चलते जो वास्तविक मजदूर हैं उनको काम मिलना मुश्किल हो गया है।ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव व मनरेगा मेट के द्वारा मनरेगा पोर्टल के मास्टरोल में फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है। जिन मनरेगा मजदूरों की हाजिरी लगाईं जा रही है, वह मजदूर साइड पर कार्य नहीं करते उनके जगह पर अन्य लोगों को खड़ा करके फोटो खींचकर अपलोड कर दिया जा रहा है। इस तरह मनरेगा मजदूरों के हक पर डाका डाल जिम्मेदारों के द्वारा मनरेगा मजदूरों को दर दर भटकने पर मजबूर किया जा रहा है। नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के ग्राम पंचायत मठिया आलम गांव गुरुवार को मनरेगा योजना के अंतर्गत का कार्य करवाया जा रहा था, जिसकी आईडी 3172004032/LD/958486255824647683 है। जो छोटी नहर से राधेश्याम के घर तक चकमार्ग पर मिट्टी के भराई के कार्य मे मजदूरों की हाजिरी मस्टरोल में 39 लोगों की लगी हुई हैं पर मौके पर 13 लोग ही कार्य कर रहे थे। इससे साफ तौर पर जाहिर हो रहा हैं कि मनरेगा योजना धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहा है। वहीं स्थानीय विकास खण्ड के बगलहा गांव में भी फर्जी हाजिरी लगाकर सरकारी धन की लूट की जा रही है। मनरेगा की आईडी 3172004071/LD/958486255824762791 जो चंद्रशेखर के खेत से त्रिलोकीनाथ के खेत तक चकमार्ग पर मिट्टी के भराई के मस्टरोल में 47 मजदूरों के हाजिरी लगा है पर मौके पर मात्र 7 मजदूर हीं कार्य करते मिले। इस संबंध में डीसी मनरेगा अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच करके आवश्यक नियमानुसार कार्यवाही किया जायेगा।