विकासखंड पचपेड़वा परसा बिजुआ ग्राम पंचायत मनरेगा में लूट ही लूट सको तो लूट

विकासखंड पचपेड़वा परसा बिजुआ ग्राम पंचायत मनरेगा में लूट ही लूट सको तो लूट

निष्पक्ष जन अवलोकन । बदरूजमा चौधारी। जनपद बलरामपुर मनरेगा में फर्जी मास्टर रोल और फर्जी भुगतान के मामले में पचपेड़वा ब्लॉक का नाम सबसे पहले सामने आता था। लेकिन एक कहावत गांव में कही जाता है कि तरबूज को देखकर खरबूज भी रंग बदलता है। ठीक उसी तरह पचपेड़वा ब्लॉक भी उन ब्लाकों की तरह मनरेगा कार्य में फर्जी मास्टर रोल और उनके भुगतान में सभी ब्लॉकों को पीछे छोड़ अव्वल नंबर पर अपनी जड़े जमाने में जूटा हुआ है। हम बात कर रहे हैं महात्मा गांधी गारंटी योजना यानी मनरेगा की। जिसके तहत सरकार तमाम निचले अस्तर के गरीब और असहाय मजदूर को वर्ष में मनरेगा योजना के तहत 100 दिन का कार्य देने के लिए कटिबद्ध है। परंतु देखा जा सा जा रहा है कि जनपद मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर ब्लॉक पचपेड़वा ग्राम प्रधान और सचिव के भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है । केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के नियमों को तक कर कर रख कर खुद खाऊं कमाऊ नीति से उसकी गार्ड लाइन के प्रति फर्जी मास्टर रोल का सहारा लेकर फर्जी भुगतान करवाने में लगे हैं। जानकारी के माने तो कड़ाके की ठंड और तापमान तकरीबन 20 डिग्री सेल्सियम जो सुबह से ही शरीर को गला देने वाली रही और सभी लोग अपने अपने घरों में दुबक कर बैठ रहने को मजबूर थे तो ग्राम पंचायत के प्रधान और सचिव भी बाहर निकले ने के लिए सोचते होंगे । लेकिन इस भीषण ठंड में भी ग्राम प्रधान और सचिव गांव में मनरेगा के मास्टर रोल से खेल करने में जुटे हैं ब्लाक कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर लाखों का वार न्वारा कर रहे हैं। इन गांव में चल रहे थे फर्जी मास्टर परसा विजवा दूसरी बात अमृत सरोवर जिसकी लागत 29.8 लाख लागत से आधा अधूरा काम हुआ है नया काम जर्जर अवस्था में भेटे की रोड धसा गया है ईमानदारी से जांच हो तो नपेंगे कई जिम्मेदार आगर जिले के जिम्मेदार अधिकारी इन मामलों को संज्ञान में लेकर कार्य का स्थलीय निरीक्षण कराए तो सरकार के लाखों रुपया गबन होने से बच जाएंगे और शायद पचपेड़वा ब्लॉक भी सीबीआई जांच की जद में आने से बच जाएगा। संवाददाता फोन से संपर्क किया राघवेंद्र तिवारी ने बताया कि जांच कर के कार्रवाई की जाएगी।