नेमवि में विश्व विरासत सप्ताह का समारोहपूर्वक शुभारम्भ
भारत राष्ट्र की सांस्कृतिक शैक्षिक एवं वैज्ञानिक विरासत से युवा पीढ़ी लें प्रेरणा जिलाधिकारी
निष्पक्ष जन अवलोकन। अरविन्द कुमार पटेल। ललितपुर। जनपद में बुधवार को नेहरू महाविद्यालय ललितपुर के तुलसी सभागार में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण झांसी मंडल द्वारा विश्व विरासत सप्ताह दिनांक 19 नवंबर से 25 नवंबर का समारोहपूर्वक जिलाधिकारी सत्यप्रकाश द्वारा मां सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा भारत की 44 विश्व विरासतों की प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया तथा प्रदर्शनी को छात्र छात्राओं के मध्य प्रदर्शित किया गया। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी सत्यप्रकाश ने कहा कि भारत में अनेक सांस्कृतिक, प्राकृतिक, वैज्ञानिक और मिश्रित विश्व विरासत स्थल हैं, इनमें कोर्णाक का सूर्य मंदिर, आगरा का ताजमहल एवं किला, सांची के बौद्ध स्तूप, अजंता और एलोरा की गुफाएँ, हम्पी और खजुराहो के सांस्कृतिक स्मारक शामिल हैं। वर्तमान में भारत में कुल 44 विश्व विरासत स्थल हैं, जिनमें 36 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित (कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान) शामिल हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आहृवान करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी को अपनी विरासत से जुड़ना होगा जितना अधिक हम अपनी विरासत से जुड़ेंगे उतना ही हम अपनी संस्कृति को मजबूत करेंगे। विशिष्ट अतिथि श्री प्रदीप चौबे प्रबंधक नेहरू महाविद्यालय ललितपुर ने कहा की बुंदेलखंड में अनेक ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर हैं। हमारा जनपद ललितपुर इतिहास संस्कृति की दृष्टि से अत्यंत संपन्न है। हमारे ऐतिहासिक स्थलों में देवगढ़ दूधई पाली बालाबेहट तालबेहट वानपुर अत्यंत महत्वपूर्ण है इन्हें भारतीय पर्यटन के प्रमुख केदो से जोड़ना हम सब की जिम्मेदारी है। विशिष्ट अतिथि नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर ओम प्रकाश शास्त्री ने कहा कि विश्व विरासत की 44 में से दो विरासतें विश्वविद्यालय हैं जो हम सभी आचार्यों के लिए गौरव की बात है। नालंदा विश्वविद्यालय एवं पश्चिम बंगाल का शांति निकेतन विश्व भारती विश्वविद्यालय का इस सूची में शामिल होना भारतीय ज्ञान परंपरा को रेखांकित करता है। इसको विश्व विरासत में शामिल करके विश्व स्तर पर सभी ने माना है की भारत की ज्ञान परंपरा सर्वश्रेष्ठ है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण झांसी के अधीक्षण पुरातत्व विद डॉ. प्रवीण सिंह ने कहा कि बुन्देलखण्ड में अनेक किले, मंदिर, सांस्कृतिक स्थल, प्राचीन गुफायें, पर्यटन स्थल राष्ट्रीय स्तर के हैं, जिन्हें विश्व धरोहर में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रयास कर उन स्थलों का चिन्हित कर केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स्वतंत्रता संग्राम परिवार से संबंधित डॉ रमेश किलेदार ने ललितपुर के स्वतंत्रता संग्राम पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए अनेक संस्मरण सुनाएं। इसे छात्र-छात्राओं ने बड़े मनोयोग से सुना। इस अवसर पर भारतीय विश्व विरासत पर आज पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें महाविद्यालय के लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। 21 नवंबर को निबंध प्रतियोगिता एवं 24 नवंबर को प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। समारोह में उप मण्डलीय अधिकारी समीर दीवान, सचिन कुशवाहा, मनोज वर्मा, डॉ. आशा साहू, डॉ. अनिल सूर्यवंशी, जितेन्द्र कुमार, डॉ. सुधाकर उपाध्याय, डॉ. रामकुमार रिछारिया, डॉ. अरिमर्दन सिंह, डॉ. एस.एस. चौहान, डॉ. सूबेदार सिंह, डॉ. जितेन्द्र राजपूत, डॉ.वर्षा साहू, मनीष वर्मा, डॉ. राजीव निरंजन, डॉ. जगवीर सिंह, संदीप श्रीवास्तव, डॉ. दीपक पाठक, डॉ. प्रीति सिरौटिया, फहीम बख्श, अंकित चौबे, धु्रव किलेदार आदि उपस्थित रहे। संचालन सचिन कुशवाहा ने किया जबकि अंत में उप मण्डलीय अधिकारी समीर दीवान ने सभी का आभार व्यक्त किया।