फतेहपुर मे इमाम हुसैन के जन्मदिन पर स्थानीय हैदरी मस्जिद मे नमाजे जोहरैन के बाद/जशने इमाम आयोजित किया गया

फतेहपुर मे इमाम हुसैन के जन्मदिन पर स्थानीय हैदरी मस्जिद मे नमाजे जोहरैन के बाद/जशने इमाम आयोजित किया गया
फतेहपुर मे इमाम हुसैन के जन्मदिन पर स्थानीय हैदरी मस्जिद मे नमाजे जोहरैन के बाद/जशने इमाम आयोजित किया गया
फतेहपुर मे इमाम हुसैन के जन्मदिन पर स्थानीय हैदरी मस्जिद मे नमाजे जोहरैन के बाद/जशने इमाम आयोजित किया गया

निष्पक्ष जन अवलोकन/मोहम्मद फैसल सिद्दीकी/फतेहपुर बाराबंकी। हुसैन हिदायत के चिराग और हिदायत की कश्ती हैं-हदीसे रसूल(सल)हैदरी मस्जिद में जश्ने इमाम हुसैन (अ) आयोजित किआ गया। फतेहपुर मे इमाम हुसैन (अ) के जन्म दिवस के अवसर पर स्थानीय हैदरी जामा मस्जिद मे नमाज़े ज़ोहरैन के बाद जश्ने इमाम हुसैन (अ) आयोजित कया गया। जिसमे मोमिनीने एकराम ने शिरकत की मालूम हो कि 3 शाबान 4 हिजरी में इमाम हुसैन (अ) का जन्म सऊदी अरब के मदीना शहर में हुआ था।आपके (अ) के पिता हज़रत अली (अ) और माता हज़रत फातिमा ज़हरा (अ) थीं। हज़रत इमाम हुसैन (अ) हज़रत मुहम्मद (सल) के छोटे नवासे थे। इमाम हुसैन का जन्म के फ़ौरन बाद हज़रत मुहम्मद (सल) ने आपको गोद में लिआ और दाएँ कान में अज़ान और बाएँ कान में अकामत कही और ज़ोर से रोने लगे। जब बीबी फातिमा ने कारण पूछा तो कहने लगे की अभी अभी जीबराईल ने मुझे बताया दिआ है की ये बच्चा कर्बला इराक़ के मैदान में तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद किया जाएगा ये सुनकर हज़रत फातिमा और हज़रत अली भी रोने लगे। हज़रत मुहम्मद (सल) आपको (अ) को बहुत प्यार करते थे। कभी काँधे पर बैठाते कभी पीठ पर बैठाते और सहाबा (रज़ि) से फ़रमाते थे की पहचान लो ये हुसैन है इसको कभी अज़ीयत ना देना परेशान ना करना और न इसको अकेला छोड़ना हुसैन मुझसे है और मैं हुसैन से हूं। आज की महफिल में शानदार,नजफी,आज़ाद,ज़ीशान,इब्राहिम,मोनिस रजा,हसनैन,मुजताबा,सिकंदर शिकोह,हसन ज़हीर,वली और इरफ़ान फतेहपुरी ने नात मनक़बत पढ़ी गई।