बसंत पंचमी के उत्सव पर जगह-जगह सरस्वती पूजन किया गया

बसंत पंचमी के उत्सव पर जगह-जगह सरस्वती पूजन किया गया

निष्पक्ष जन अवलोकन विनोद कश्यप बसंत पंचमी के दिन सरस्वती की पूजा की विधि खास होती है सरस्वती माता को पूजा में सफेद फूल, पीले वस्त्र ,सफेद तिल, और संगीत ,अर्पित किया जाता है। एवं सरस्वती के चरणों में वीणा और पुस्तक रखना भी शुभ माना जाता है। इस दिन लोग मन से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। बसंत पंचमी को बसंत ऋतु के आगमन के रूप में भी मनाया जाता है ऐसा माना जाता है । कि इस दिन से ठंड का मौसम खत्म होने लगता है । और मौसम में बदलाव आता है खेतों में सरसों के पीले फूल मिलते हैं जो बसंत पंचमी के पीले रंग को दर्शाते हैं। बसंत पंचमी को प्रेम और सौंदर्य का उत्सव भी माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन कामदेव ने अपनी पत्नी रति के साथ भगवान शिव की तपस्या को भंग करने की कोशिश की थी । इसी कारण इस प्रेम और सुंदरता के पर्व के रूप में मनाते हैं। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर हरबर्टपुर शिव मंदिर समिति के तत्वाधान में पूजा अर्चना के बाद प्रसाद का वितरण किया गया ।जिसमें समिति के सभी सदस्यों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया।