वरीय समाजसेवी राजेश प्रसाद गुप्ता जी ने अपने जन्मदिन के उपलक्ष पर 51 बार रक्तदान किया वा गरीब व असहाय 500लोगों को भोजन वितरण किया
निष्पक्ष जन अवलोकन! सोनू वर्मा! सिंगरौली/ सिंगरौली जिले के एनसीएल दूधीचुआ परियोजना में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्य कर रहे राजेश गुप्ता जी ने गरीब ,असहाय एवं रक्त दाताओं के लिए एक मिसाल बन गए हैं जी हां राजेश प्रसाद गुप्ता जी ने सुपरमैन स्पाइडर-मैन बैटमैन और न जाने कितने सुपर हीरो की कहानी तो आपने बहुत सुनी और पढ़ी होगी लेकिन वह काल्पनिक होती है लेकिन हम जिस हीरो की बात कर रहे हैं वह तो रियल लाइफ का सुपर हीरो है एक ऐसा हीरो जो सिस्टम से लड़ता है ऐसा हीरो जो दूसरे की जिंदगी के लिए जी जान न्योछावर करता है ऐसा ही हीरो जो 24 घंटे दूसरे की मदद तैयार रहता है अगर इस मतलबी दुनिया में जब ऐसे लोग बिना किसी लाभ के किसी को एक गिलास पानी तक नहीं देते हैं उस जमाने में कोई शख्स अगर मौत से जूझते मरीज के लिए अपना खून देता है तो वह मेरी नजर में उससे बड़ा रियल हीरो है जो दूसरा कोई नहीं मैं बात कर रहा हूं सिंगरौली जिले के दुद्धीचुआ परियोजना में कार्य कर रहे 35 वर्षीय युवक राजेश प्रसाद गुप्ता जी आज मैं नाम दे रहा हूं *'ब्लडमैन'*जी हां ब्लूडमैन अगर किसी को खून की जरूरत हो चाहे वह दिन हो या रात चाहे सिंगरौली ,सोनभद्र, पटना ,रांची दिल्ली ,मुंबई ,कोलकाता, बेंगलुरु, या कश्मीर से कन्याकुमारी, तक अगर आप राजेश प्रसाद गुप्ता के संपर्क करते हैं तो वह सख्त फरिश्ता बनकर किसी न किसी रूप में मदद जरूर करता है और यह सिलसिला पिछले 21 वर्षों से चला आ रहा है राजेश प्रसाद गुप्ता ने अपनी जिंदगी में परिश्रम की आग में ऐसा तपाया है कि आज वह खरा सोना बनकर निकल रहा है कभी पाकिट खर्च चलाने के लिए ₹200 की नौकरी करने वाले राजेश प्रसाद गुप्ता आज अपनी मेहनत के बल पर सैकड़ो परिवारों के लिए मसीहा से काम नहीं क्योंकि उनके घर के चूल्हे राजेश के कारण जलते हैं राजेश प्रसाद गुप्ता आज कोल इंडिया एनसीएल में कार्यगत है राजेश कुमार गुप्ता की पहचान ब्लड मैन में की जाती है राजेश गुप्ता जी ने खुदअब तक 51बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं 350 से भी ज्यादा बार सम्मानित भी हो चुके हैं जो राजेश गुप्ता जी निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करते हैं और वह सारा श्रेय उनके साथी ही उनकी एक आवाज पर रक्तदान करने वाले बड़े और छोटे भाई बहन को देते हैं जिससे आज उनकी इतनी बड़ी पहचान है राजेश प्रसाद गुप्ता जी का कहना है कि *बन सहारा बे सहारों का, बन किनारा बे किनारो का, ऐसा जियो तो क्या जिए जो जी ना सके हजारों के लिए*