हरगांव की पौराणिक धरा पर हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज

हरगांव की पौराणिक धरा पर हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज

निष्पक्ष जन अवलोकन। अर्पित कुमार त्रिवेदी। हरगांव की पौराणिक धरा पर हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज। हरगांव सीतापुर--- जिले की आदर्श नगर पंचायत हरगांव में प्राचीन सूर्यकुंड तीर्थ पर विराजमान भगवान गौरी शंकर भोलेनाथ के सानिध्य में चल रहे कार्तिक पूर्णिमा मेला महोत्सव के रंगमंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज हुआ।इस धरा पर आए कवियों का स्वागत नगर पंचायत हरगांव के अध्यक्ष, अधिशाषी अधिकारी श्रीश मिश्र,उनके कर्मचारी के साथ-साथ नगर के समाज सेवी पत्रकार अनूप रस्तोगी, पं. चंद्रशेखर मिश्र द्वारा किया गया।मंच की अध्यक्षता पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रेम सुंदर अवस्थी ने की, एवं इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर अवध शुगर एण्ड एनर्जी लि० हरगांव के अधिशाषी अध्यक्ष अरविन्द कुमार दीक्षित मौजूद रहे।मुख्य अतिथि के तौर पर कवि सम्मेलन में मौजूद अधिशाषी अध्यक्ष एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व ब्लाक प्रमुख का माल्यार्पण कर स्वागत नगर पंचायत हरगांव के अध्यक्ष ने किया।मुख्य अतिथि द्वारा की गई मां सरस्वती के पूजन अर्चन के साथ ही कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। मंच पर नगर के वयोवृद्ध कवि उमाशंकर शुक्ल अनुपम की भी उपस्थित रही। नगर पंचायत के सभासद शोएब खान ने श्रृंगार रस की कवित्री प्रीति पांडे को पुष्प को बैच देकर सम्मानित किया। इसके बाद कवित्री प्रीति पांडेय ने मां सरस्वती की वंदना पढ़ी। तत्पश्चात कवित्री प्रीति पांडे ने कहा *कि चमन की अपने खुद करने जो रख वाली नहीं जाता बचाने उसके फूलों को माली नहीं जाता बड़ी आशाओं से आशीष लेने चली आई सुना है आपके दर से कोई खाली नहीं जाता*। इसके बाद सिद्धार्थनगर से पधारे हास्य कवि महेश श्रीवास्तव ने कहा कि घर मेरा जिसके घर से दूर नहीं है सिंपल सी जन्नत है कि कोई हो नहीं है। रायपुर छत्तीसगढ़ से पधारे रमेश विश्व हरि ने कहा की रिश्ता है मेरा राम जी के खानदान से हैरत में आप पड़ गए मेरे बयान से हम राम के ननिहाल के छत्तीसगढ़ से हैं। विकास भौखल बाराबंकवी ने पढ़ा कि किसी खंजर से ना तलवार से जोड़ा जाए चलो सारी दुनिया को प्यार से जोड़ा जाए। विकास बौखल ने दूसरी कविता ससुराल के परिचय पर सुनाई कि प्रथम परिचय कराया गुरु जी ने तब हमने कहा जय हो भाग्य निर्माता सासु और ससुर को सामने लाया गया एकाएक तब हम बोले जय हो माता-पिता की फिर परिचय कराया साल का तब हमने कहा जय हो पत्नी के भ्राता की बिटिया दिखा के बोले गऊ जैसी बिटिया मेरी तब हमने कहा जय बोलो गौ माता की। मंच पर लखनऊ से आए हास्य कवि सौरभ जायसवाल ने पढ़ा इत्ती सी बात पर हुआ बवाल प्रचंड, ताऊ ने कमला कहा हमने कहा पसंद। इसके अलावा पहनय रुपानी हील बाज ना मिलैय लूली मिलैय य लंगड़ी मिलैय य मिलैय कानी या प्रभू पत्नी रील बाज न मिलैय।अंत में बाराबंकी से पधारे कवि जगदीप आंचल ने पढ़कर श्रोताओं को खूब हंसाया कि हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सबको ही सम्मान मिला, गीता ग्रंथ बाइबिल के संग पवित्र कुरान मिला जाति पंथ में देश बांटने वाले मेरी बात सुने इस माटी में जो भी जन्मा उसको प्यारा हिंदुस्तान मिला।कवि सम्मेलन का संचालन कोलकाता से पधारे डॉ राहुल अवस्थी ने किया।इस अवसर पर नगर पंचायत हरगांव के मो० अनीस मो०सलीम,मंसूर अली डॉ०आरिफ कमाल सभासद प्रतिनिधि दिनेश मिश्रा पप्पू पूर्व सभासद मुकेश राय सुभाष चंद्र जोशी सभासद प्रतिनिधि कन्हैयालाल जोशी, नगर पंचायत के कर्मचारी दीपक कुमार दीपू अहिबरन लाल सुशील कुमार सहित समस्त कर्मचारी व समाजसेवी शांतनु मिश्र के साथ साथ भारी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।