फसल कटाई के बाद खेतो मे नरवाई जालने पर होगी कार्यवाही कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने नरवाई जलाने पर लगाया प्रतिबंध

फसल कटाई के बाद खेतो मे नरवाई जालने पर होगी कार्यवाही कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने नरवाई जलाने पर लगाया प्रतिबंध

निष्पक्ष जान अवलोकन! सोनूवर्मा! सिंगरौली / फसलों की नरवाई में आग लगाना कृषि के लिए नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण गंभीर स्वरूप की अग्नि दुर्घटनाएं घटित होने की आशंका रहती है। साथ ही कानून व्यवस्था के लिए भी विपरीत परिस्थितियां निर्मित होती है। अतएव सम्पूर्ण सिंगरौली जिले में नरवाई जलाने पर रोक लगाई जाना आवश्यक प्रतीत होने पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री चन्द्र शेखर शुक्ल के द्वारा सम्पूर्ण सिंगरौली जिलें में फसल कटाई के पश्चात खेतो में नरवाई जालने पर प्रतिबंध लगाते हुये आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश मे उल्लेख है कि फसल की नरवाई एवं पैरा जलाने से प्रथम दृष्ट्या निम्नलिखित नुकसान होने से जनहित में पर रोक लगाई जाना आवश्यक एवं वांछनीय प्रतीत होता है जिसमें खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जन, धन, संपत्ति, प्राकृतिक वनस्पति एवं जीव जंतु आदि नष्ट हो जाते हैं, जिससे व्यापक नुकसान होता है।साथ ही खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु इससे नष्ट होते हैं. जिससे खेत की उर्वरा शक्ति शनै-शनै घट रही है और उत्पादन प्रभावित हो रहा है। जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि खेत में पड़ा कचरा भूसा, डंठल सड़ने के बाद भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं। जिसे जलाकर नष्ट करना ऊर्जा को नष्ट करना है। आग लगाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।उपरोक्त परिस्थितियों में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा एवं पर्यावरण की हानि रोकने तथा लोक व्यवस्या बनाये रखने कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत सम्पूर्ण सिंगरौली जिले की सीमा में फसलों के डंठलों (नरबाई) में आग लगाया जाना प्रतिबंधित किया गया हैं। यह आदेश सम्पूर्ण सिंगरौली जिले के सीमा क्षेत्र में 11 अप्रैल 2025 से 10 जून 2025 तक तक प्रभावशील रहेगा।चूंकि यह आदेश सर्वसाधारण को संबोधित है और वर्तमान परिस्थितियों में सूचना की तामीली सम्यक समय में प्रत्येक व्यक्ति को किया जाना एवं सुनवाई किया जाना संभव नहीं है, अतः भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 की उपधारा (2) के अंतर्गत यह आदेश एकपक्षीय रूप से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के द्वारा पारित किया गया है।