निलंबित ट्रेनी एसआई DCP से मिला, कहा – "मुझे बनाया गया बलि का बकरा", ACP करेंगे जांच
निष्पक्ष जन अवलोकन।कमलेंद्र सिंह (शिवम् सिकरवार)
आगरा। आगरा में 10 हजार रुपए लेकर एक छात्र की बाइक छोड़ने के मामले में अंडर ट्रेनी दरोगा को निलंबित कर दिया गया है। यह मामला 26 जनवरी को ट्रांस यमुना चौकी क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने एक छात्र को बाइक के कागज और हेलमेट न होने पर रोक लिया था। आरोप है कि बाइक छोड़ने के बदले 10 हजार रुपए की मांग की गई, जिसके बाद अंडर ट्रेनी दरोगा को निलंबित कर दिया गया। सस्पेंशन की खबर मिलते ही खुद को कमरे में बंद किया रात में जैसे ही ट्रेनी दरोगा को निलंबन की सूचना मिली, उसने खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया। तनाव में आए दरोगा ने कहा कि उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के फंसाया जा रहा है और बलि का बकरा बनाया गया है। साथी पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझाकर बाहर निकाला और शांत कराया। इसके बाद निलंबित दरोगा डीसीपी सिटी के सामने पेश हुआ और अपनी सफाई दी। ट्रेनी दरोगा का कहना है कि वह 26 जनवरी को थाने में मौजूद ही नहीं था, न ही उसने बाइक को पकड़ा था। उसने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया और निष्पक्ष जांच की मांग की। अब इस पूरे मामले की जांच एसीपी छत्ता को सौंपी गई है। वे सभी तथ्यों की बारीकी से जांच करेंगे और यह स्पष्ट करेंगे कि क्या वास्तव में ट्रेनी दरोगा इस घटना में शामिल था या किसी और की गलती का खामियाजा भुगत रहा है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।