जातिगत जनगणना का फैसला एतिहासिक: डीके यादव

सरकार को मिलेगी पिछड़े वर्ग की वास्तविक स्थिति, नीतियों में आएगी पारदर्शिता
निष्पक्ष जन अवलोकन।
रामेश्वर विश्वकर्मा रुद्रपुरी।
रूद्रपुर (देवरिया)। भाजपा नेता डीके यादव ने जातिगत जनगणना को देश के सामाजिक न्याय की दिशा में एक एतिहासिक फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि इससे पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक स्थिति को लेकर सटीक आंकड़े सामने आएंगे, जिससे सरकार को उनके लिए ठोस और कारगर नीतियां बनाने में सहायता मिलेगी। यादव ने कहा कि जब तक आंकड़ों की स्पष्टता नहीं होती, तब तक समाज के कमजोर वर्गों के लिए योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो सकतीं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उसके नेतृत्व वाली सरकारों ने मंडल आयोग की सिफारिशों को नजरअंदाज किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस ओबीसी समाज के सशक्तिकरण को कभी स्वीकार नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि 1951 में जब जातिगत जनगणना की मांग को खारिज किया गया, तब भी कांग्रेस सत्ता में थी। आज जब जनगणना की पहल हुई है, तो विभिन्न दल इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन असल श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जो स्वयं पिछड़े वर्ग से आते हैं और आज सर्वोच्च पद पर हैं। डीके यादव ने इस निर्णय को सामाजिक न्याय की दिशा में मील का पत्थर करार दिया और कहा कि इससे देश के लोकतंत्र को नई मजबूती मिलेगी।