सिलखोरी गांव में विश्व जल दिवस पर जागरूकता रैली और संगोष्ठी का आयोजन।
निष्पक्ष जन अवलोकन। । शिवसंपत करवरिया ब्यूरो चीफ। चित्रकूट।बच्चों और शिक्षकों ने दिया जल संरक्षण का संदेश 22 मार्च: विकास पथ सेवा संस्थान द्वारा विश्व जल दिवस के अवसर पर सिलखोरी गांव में स्कूली बच्चों और शिक्षकों के सहयोग से जागरूकता रैली और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना था। रैली की शुरुआत विद्यालय परिसर से हुई, जहां स्कूली बच्चों ने जल बचाओ से संबंधित नारे लगाते हुए गांव की गलियों में मार्च किया। बच्चों ने स्लोगन जैसे "जल ही जीवन है, इसे बचाना हमारा कर्तव्य है" और "बूंद-बूंद से सागर भरता है, जल बचाओ जीवन संवरता है" लगाकर जल संरक्षण का संदेश दिया। रैली का समापन विद्यालय में हुआ, जहां संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षकों, ग्रामीणों और छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। संगोष्ठी में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. प्रभाकर सिंह ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जल संकट एक वैश्विक समस्या बनती जा रही है, जिसका समाधान हम सभी को मिलकर करना होगा। उन्होंने जल प्रबंधन के महत्व को रेखांकित करते हुए वर्षा जल संग्रहण, जल पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) और पानी के मितव्ययी उपयोग जैसे व्यवहारिक उपायों को अपनाने पर जोर दिया। डॉ. सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बचपन से ही विकसित होनी चाहिए। यदि हम दैनिक जीवन में छोटे-छोटे प्रयास करें, जैसे नल को खुला न छोड़ना, जरूरत के अनुसार ही पानी का उपयोग करना और वर्षा जल का संचयन करना, तो हम भविष्य में जल संकट से बच सकते हैं। डॉ. विकास ने भी बच्चों को जल संरक्षण के प्रति संवेदित करते हुए पानी की बर्बादी रोकने और जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने का संदेश दिया। कार्यक्रम में शिक्षकों ने भी बच्चों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि जल बचाने के छोटे-छोटे प्रयास भी भविष्य में बड़े बदलाव ला सकते हैं। इस अवसर पर बच्चों के साथ ग्रामीणों ने भी रैली और संगोष्ठी में सक्रिय भागीदारी दिखाई और जल बचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में संस्थान के कार्यकर्ता ओंकार सिंह, लवलेश सिंह, शिक्षक विनय तिवारी, वंश गोपाल, भगवानदीन सिंह और दिलदार श्रीवास्तव उपस्थित रहे।